सब उसने खोया और उसने पाया, हमारा क्या
सिर्फ़ उसी पर है दुःखों का साया, हमारा क्या
वो अगर परेशान है तो उसकी मदद क्यों करें
उसने कमा कर ख़ुद ही तो खाया, हमारा क्या
वो और उसके बच्चे भूख से तड़प रहे हैं आज
वही ऐसी तक़्दीर लिखाकर लाया, हमारा क्या
ज़िन्दगी भर मेहनत करता रहा कुछ नहीं हुआ
तो उसी की महिमा उसी की माया, हमारा क्या
तूने कौन सा कुछ कर दिया उसके लिए 'आरिफ़'
कर ही रहा है तू भी सब कुछ ज़ाया, हमारा क्या
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