गलत बोल दिया होगा । गलत जता दिया होगा ।। पर कभी गलत कर नहीं सकता । आखिरी बार रोका है ।। अब कभी तुझे जाने ना दूंगा । विश्वास की कसौटी है । उस पर खरा उतर कर जाना है ।। विश्वास रख सबको हवा में उड़ा जाना है । बस हाथ थामे रखना, वजह बनाए रखना ।। बिना मौसम की बरसात बंद करके । अब बस साफ़ आसमान बन जाना है ।। अब कभी तुझे जाने ना दूंगा । गलत जता दिया होगा ।। पर कभी गलत कर नहीं सकता ।
छोड़ो हालात को, आओ बैठकर, खुद तय कर लें, वैचारिक मतभेद को, आपस में समझ लें। गलत जब तुम भी नहीं, और हम भी नहीं, तो जमाने को मौका, कहकहों का, बिना मतलब का, हम-तुम क्यों दें।