QUOTES ON #खुशियाँ

#खुशियाँ quotes

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13 MAY 2020 AT 9:36

ख़्वाबों कि दुनियाँ सँजोकर हक़ीक़त से कहाँ तक भाग पाओगे
इन झूठी खुशियों में असली खुशियाँ तुम कहाँ तक ढूँढ पाओगे

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27 SEP 2020 AT 8:30

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21 NOV 2020 AT 12:20

गैरो से मिले गम थे जो अपनों में वो बाँट बैठें
अपनों के हक़ की खुशिया वो गैरों में लूटा बैठें
नाकामियो में साथ थे जिनके वो शोहरतो में भुला बैठें
अपनों से करने वाली बातें भी वो आज महफ़िलों में सुना बैठें

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20 MAY 2020 AT 7:47

ओ मेरे खुदा मैंने तो तुझसे हर इबादत में खुशियां मांगी थी तूने तो गमों से दोस्ती करा दी तेरी यही चाहत है तो यही सही हम तेरे दिए गमों में भी खुशियां तलाश लेंगे...❣️

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13 MAR 2022 AT 13:44

हमें चाँद चाहिए था...
उसकी तारों पे नजऱ थी,
पहली पहली मुहब्बत की सज़ा
इतनी होगी क्या ख़बर थी,

ख़ुशियाँ गिरबी रखके
गम उधार मिल गए
बस.. थोड़े से कर्ज़ की
क्यूँ हैं यह किस्तें उम्रभर की..!



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30 APR 2020 AT 8:18

यह वक्त भी गुजर जाएगा
जब रुक ना पाईं खुशियां
तो क्या ग़म ठहर पाएगा ??

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22 NOV 2020 AT 12:00

खुशियों की चाह में
ग़मो के साये से गुजर जाती हूँ

और से मिलने की चाह में
खुद को भूल जाती हूँ

ग़मो को मुट्ठी में ,समेटने की चाह में
कुछ बुंदे फिर से खुशियोँ की ले आती हूँ

ज़िन्दगी के कई रंगो में घुलजाने की चाह में
कुछ रंग प्यार के भी समेट लेती हूँ..!!

खुद को खुश रखने की चाह में
दुश्मनों से भी यारी निभा लेती हूँ...!!

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16 JUN 2021 AT 14:26

हम साथ मुस्कुराने वाले लोग हैं ना जाने देंगे कब्र पर
एक दिन खुशियां भी आनी हैं इन दर्द देती तन्हाइयों से ना डर
अभी तो जिंदगी बस शुरू हुई है यार अभी ज़रा सब्र कर

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3 FEB 2020 AT 16:53

कई बार यूं ही बेबाक मुस्कुरा देती हूं मैं ...

मायूसियों के चिराग को यूंही बुझा देती हूं मै...

तकदीर से छीन लेती हूं मैं खुशियों की कुंजियां...

किस्तों में ही सही कुछ ख्वाब गुनगुना लेती हूं मैं..

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6 AUG 2020 AT 11:22

सोच रहा हूं खबर छपवा दूं अखबार में।
किस कदर धोखा मुझे मिला है प्यार में।।

प्यार मुझे तो भी खूब मिला दोस्तों!
मगर रकीब के पछवाड़ में।

कुछ इस कदर मैं उसका हो गया था।
प्यार दिखता था मुझे उसकी फटकार में।।

मुझसे उसे भुलाना बहुत आसान है दोस्तों!
मगर यादें बसी है उसकी, घर के दीवार में।।

साथ रहूंगी उम्र भर तेरे कहकर!
छोड़ गई मुझे बीच मझधार में।।

चाहत है शरीर किनारे और मैं ऊपर जाऊं!
मगर नहीं मैं क्यूं मरूं बेकार में।।

वादा रहा उससे से भी ज्यादा खुश रहूंगा मैं।
इस मतलबी संसार में।।

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