नयन चितवन यूँ आड़ी तिरछी
दिल मेरा हो रहा है सेडी,
ऐसे तुम ना निराश करो मुझे
मुस्करा दो तुम जैसे यह टेड्डी!
एहसासों से लबरेज हूँ मैं
माना इजहार में मैं फिसड्डी,
तुम इतनी पाषाण बनो मत
मासूम बनो तुम जैसे यह टेड्डी!
दिल हाज़िर नाज़िर से कहता हूं
जीवन सहचर को मैं अब रेडी,
कुबूल कर लो मेरी मोहब्बत
दिल से कहता है भी यह टेड्डी!
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