QUOTES ON #खिदमत

#खिदमत quotes

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14 JUN 2019 AT 12:27

माना हमनें जन्नत नहीं देखा
पर जन्नत का अनुभव रोज किया करते है
माना हमने भगवान को नहीं देखा
पर अपने माता पिता को रोज पुजा करते है
माना हमारे पास पैसा नहीं
पर उनकी खिदमत से दाने को तरसा भी नहीं करते
माना उनके दिल में चोर नहीं
पर उनका स्नेह इतना है पल पल में दिल लुट लिया करते हैं

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9 FEB 2022 AT 19:37

सुनो लड़कियों!

पाल लो तल्ख़ियत
अपने ज़ेहन में
अपने मन में

घोल लो कड़वाहट
अपने लहजों में
अपने लफ़्ज़ों में

ये सब साबित होंगी
काले टीके सी तुम पर
नज़र नहीं लगेंगी तुमको
न अच्छी, न बुरी

बेशक़ तुम चॉकलेट सी हो
पर चॉकलेट भी तो
जितनी डार्क होती है
उतनी ही सेहतमंद होती है
भले ही स्वाद में कड़वी लगे!— % &

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7 APR 2020 AT 14:19

Agar chain aur sukoon ki talash me ho tum ;

To apne Maa ki khushiyon ka khayal rakhho tum

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5 DEC 2017 AT 13:43

वहशत से भरी है ये बूढ़ी आंखें
रिश्ते अब चालाकियों का घर सा लगे
जिन्हें लिखा था अपने हाथों से
वो हर्फ़ भी अब अजनबी सा लगे
अपना ही साया अब दूर हो चला
और कदम भी थका थका सा लगे
ज़िन्दगी!!तूने सज़ा तो दिया पर
बता कौन सी दफा किस जुर्म पर लगे
ज़िन्दगी भर जिस 'ज़िन्दगी' को सँवारा हमने
वो ज़िन्दगी ही अब निहायत बोझ सा लगे
कर ली खिदमत किस्मत की खूब
अब वो भी बददुआ सा लगे

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29 FEB 2020 AT 22:05

तू किस्मत में नहीं मेरे
पर मेरे साथ तेरा साया है,
मेरे दिल में ही नहीं तू
मेरी रुह में भी समाया है।

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13 APR 2021 AT 22:40

करता रहूँ ख़िदमत... ख़ुदा बस थोड़ी और उम्र बक्क्ष दे।
मै रोता रहूँ...आके बस वो आँचल से आँसू पोछ दे।।

अब तक थे सहारा मेरे..अब मै सहारा बन जाऊँ।
बाबा के बाहों में मुझको सुकुन से पनाह दे।।

पड़ा रहूँ उनके क़दमों मे...जन्नत है मेरा घर।
तकलीफों को कम करुँ... ख़ुदा बस थोड़ी और तालिम बक्क्ष दे।।

एक नज़र भर देख लूँ... तो सुकून मिल जाएं।
नूर से भरे है चहरे.. मुस्कुराते हैं मुस्कुराते रहने दे।।

मुबारक हो उनको भी शहर-ए-मदीना प्यारा सा सफ़र।
हर सहर उनको ज़मज़म नोश करा दे।।

ना देखू मायूस चहेरा...ना आँखो में आँसू।
मै भी नेक बनू...ख़ुदा बस थोडे और फ़र्ज़ बता दे।।

करता रहूँ ख़िदमत... ख़ुदा बस थोड़ी और उम्र बक्क्ष दे।
मै रोता रहूँ...आके बस वो आँचल से आँसू पोछ दे।।

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27 JUL 2021 AT 8:38

ज़िक्र सबसे करें न उल्फ़त का
मामला है ज़रा नज़ाकत का

मैं भी हसरत निकाल लूँ कुछ तो
आप मौका अगर दें ख़िदमत का

आप ही कह दो आपको मैं क्या
पेश तोहफा करूँ मुहब्बत का

हम बिछड़ के मिले हमेशा ही
फ़ैसला ये रहा है क़िस्मत का

बेसबर वस्ल को हैं दोनों दिल
मुँह न अब देखिए इजाज़त का

छोड़ दो शर्म ओ हया ऐ 'दीप'
बाद मुद्दत है मौका कुर्बत का

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7 APR 2020 AT 11:28

इसी दुनियां में रहकर अपनी जन्नत संवार लो
कुछ देर अपनी मां की खिदमत में गुजार लो

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5 APR 2017 AT 13:26

वो बार-बार दिल रौंद के चले जाते,
ये उनकी फ़ितरत में था,

नासमझ तो मैं थी,
जो दिल आज भी उनकी खिदमत में था
......

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14 FEB 2017 AT 7:33

वो अंधेरों में पली-बड़ी थी
अंधेरों ने ही हाथ थामा था
धूप से तो उनका कभी वास्ता ही न पड़ा
वो औरत थी साहिब
घर बनती रही,घर सजाती रही
सबकी खिदमत में लगी रही सदा
न वो हुए उसके और न ही घर हुआ उसका।

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