Ashish Awasthi 20 AUG 2017 AT 17:52 स्याह रातों को जागना अच्छा नहीं होताबंद दरवाजों से झांकना अच्छा नहीं होताइब्तिदा-ए-इश्क़ में रूबरू होना पड़ता हैयूं छुप छुप के ताकना अच्छा नहीं होतातेरे हुस्न के चर्चे हैं अब सबकी ज़बान पेयूं सर-ए-बाज़ार नाचना अच्छा नहीं होतादेखना मुज़िर है तुझे शब- ए -महताब मेंचांद का चांद से सामना अच्छा नहीं होतासहर अंगड़ाई न लिया कर मेरे दरीचे पेके नशे में दुआ मांगना अच्छा नहीं होताथोड़ा ठहर, वो खुद आये गा तेरी जानिबहसीनों के पीछे भागना अच्छा नहीं होताकुछ करो तो सुलझा दो खम-ए-ज़ुल्फ़ कोदिल को ऐसे उलझाना अच्छा नहीं होताकिनारे पर रहो तो ही सुकून-ए-ज़िन्दगी हैदरिया-ए-हुस्न में नहाना अच्छा नहीं होता।। - ANAMIKA GHATAK 28 DEC 2017 AT 16:06 ऐय्याशों की अय्याशियां भीमजलूम तेरे दम पे है कर लो बग़ावत ओ मजलूम कि सियासत भी तेरे खम पे है - HARCHARAN SINGH 26 AUG 2020 AT 0:12 इतना दम ख़म ना लगा साकी पिलाने में, पी रहा हूं जाम अपनी मोहब्बत केनाम, शराब ओर मोहब्बत सिक्के के दो पहलु एक उतरता है तो दूसरा चढ़ता है। - Gautam Kothari 25 AUG 2020 AT 7:44 ईश्क की ज़ुस्तज़ू में इश्क़िया का क़याम पनपता हैईश्क ऐ ख़म से ही गुफ़्तगू का आयाम पलपता है - Yashoda Devrani Jadli 25 AUG 2020 AT 13:38 फलदार डाली से खम सीखोअकड़,मुर्दे की पहचान है - Shahjadi Begum 25 AUG 2020 AT 22:07 ख़म तो इंसान की पहचान होती हैं,वरना अकड़ तो मुर्दे की पहचान होती है। - Anjali Jain 25 AUG 2020 AT 13:26 गाम-दर-गाम चलना राही,लाख मुकद्दर में लिखे गम हैं,सूकूँ होता नहीं दामन में,जिंदगी बे नाम पेच-ओ-ख़म है।। - Durga Gupta 25 AUG 2020 AT 9:11 ख़म-ए-सिर करना बड़े बुजुर्गों और गुरुओं के सामने।पर ख़म ना करना क़भी ग़लत के तुम सामने।। - Pankhuri Sinha 25 AUG 2020 AT 17:35 बज़्म-ए-महफ़िल उनकी, जलवा हुस्न-ए-यार का सर-ए-ख़म किये बैठे हैं ,डर है मुफ़लिस-ए-ख़िताब का... - Nikhat Afshan 25 AUG 2020 AT 9:29 तेरे हर हुक्म पर ख़म की है हमने पेशानी अपनीफिर तू क्यों मुझसे इस क़दर बेज़ार नज़र आता है -