किसी के सर कि छत तो, किसी को अन्देरी पूस कि ठंड से बचाती है लकड़ी, जनाब, किसी के सिर्फ जनाजे का सहारा, तो किसी का जिवन बसर कर घर का पेट पालती है लकड़िया किसी का खजाना अशर्फीयाँ तो किसी का खजाना हि लकड़िया होती है
आज जिंदगी को करीब से देखा, किसी के लिए छोटी सी चीज भी बड़ा खजाना, तो किसी के लिए बड़ा खजाना भी छोटी सी है चीज वाह!रे ऊपर वाले तुमने भी क्या नसीब का खेल है रचा