न कल आएगा न कल जाएगा यह क्षण अटल है , तू हर पल इसमे खुद को पायेगा न पिछले क्षण में कुछ खोया था , न अगले क्षण कुछ पायेगा, बस अगले क्षण का भ्रम लिए तू , यू ही फसता जाएगा ,। यह क्षण में सृष्टि है , सृष्टि करता भी है फिर तू किस अगले क्षण में जायेगा इस क्षण में जीना सीख ले , यही तेरा अस्तित्व तुझे मिल जाएगा केवल तू ही नहीं यह संसार , यह ब्रह्मांड , भी इस क्षण में है,। यह क्षण अटल सत्य है यह जान ले तू अब , इस जीवन के खेल में अपने अस्तित्व को पहचान अब
मेरा ख्याल है कि एक विशेष उम्र तक ही सब कुछ अच्छा लगता है उसके बाद तो जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है अपनों की संख्या कम होने लगती है और जीवन के आखिरी क्षण में व्यक्ति अकेला ही रह जाता होगा अगर उनके पास कुछ बचता होगा तो सिर्फ कुछ अपनों की यादें,वो भी वक्त बे वक्त तंग करने के लिए।
तुम्हरी बातैं मधुर-मधुर थी,, रम जाती मेरे मन में,,,,। याद तुम्हारी सच-मुच न्यारी मन निर्जन कर दे क्षण में,,,,। भूतकाल क्या जिया था हमने नयन समाए नयनन में,,,,। भविष्य कठिन तुम्हरे बिन साथी क्षत-विक्षत जीवन क्षण में,,,,।