जिस कश्मकश में मै हूँ,
क्या वो भी उस कश्मकश में होगा।
नई मंजिल की ओर जैसे मै बढ़ रही हूँ,
क्या वो भी उस मंजिल की ओर कदम बढ़ा रहा होगा।
दिल से अपने, जैसे मैं बातें करने लगी हूँ,
क्या वो भी अब अनकही बातें समझने लगा होगा।
जिस तरह मैं उससे प्यार करने लगी हूँ,
क्या वो भी अब मुझसे प्यार करने लगा होगा।
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