Antra 3 MAR 2020 AT 9:58 Paid Content - Rana 19 JUL 2020 AT 19:41 यह मर्ज है के ख़त्म होता ही नहींहाल यूँ है के अब.. बेहाल हो गये हैंबस हैं तो अब सपनें ही सपनें हैंहकीक़त में तो हम.. कंगाल हो गये हैंमहीनें हैं के कम्बख़्त गुज़रते ही नहींबड़े लंबे यह ज़िन्दगी के.. साल हो गये हैंआंखों में ख़्वाब अब नहीं फंसतेसुने से मकड़ी के.. जाल हो गये हैंसोचता हूँ दरवाज़े खुलें तो कहाँ से शुरू करूँख़्वाइशों से इतना.. मालामाल हो गये हैं..! - Devvrat Sharma 9 MAY 2020 AT 11:30 किसी पिंजरे के अंदर से दिखती है एक दुनिया कैद किसी पिंजरे में।। - Rana 22 APR 2022 AT 19:08 "स्वप्न खुली हवा के....यह सुकूँ भी ना तबाह करते,परिन्दे जो भूले आसमांवो पिंजरे में ही निर्वाह करते,काश किसी के अभिवचन पेहम विश्वास यूँ ना अथाह करते,काश ह्रदय करता मेघ सी गर्जनाकाश... नयन बरसने से पहले....मुझे भी आगाह करते!!" - Archana Sharma 11 MAR 2019 AT 9:52 तोड़ सासों का नाता आजाद हो गया वो कैदी सफर का फरार हो गयापरेशां थे साथी जुबानी से जिसकीवो मौजी लहर का बेजुबां हो गयाउसने रातों की नीदें थी वारी किसी पेकदम आखिरी में सो सुकूँ से गयाआज उससे लिपट कर वो रोये बहुतये नजारा भी उसपर कहर ढा गया लड़ता रहा वो जमाने से अक्सरआज जनाजे पे खुद के निराश हो गया था जोकर हसाना था उसका सबबवो आखों में गहरे सितम दे गयामनाता रहा वो मुक्कदर को अपनेजिन्दगी से हमेशा खफा हो गयातलाश मन्ज़िल की उसकी खतम न हुईमौत में ही सफर का वजूद खो गयाउस शख्स की कीमत लगाऊं क्या 'अर्श'जो गैरों के खातिर फना हो गया - नया👇अकाउंटफोलो 19 JUN 2020 AT 9:54 इश्क की चारदीवारी में कैद में वो बंदा ,रूह को ना छू सका बस अटका गले में फंदा । - SȺᵾmɏȺ ŧɍɨᵽȺŧħɨ🌸 4 JAN 2021 AT 9:32 उसनेे मेरे लिए सारे दरवाज़े खुले रखें हैंलेकिन मैं तो चोर हूं, खिड़की से ही आउंगी! - Anmol Cheema 7 APR 2018 AT 22:26 आँखों की सच्चाई...बेचारी पलकों ने छिपाईआँसू तो कैद कर लिए गए - Vihaan 27 FEB 2018 AT 21:43 मैं हर दिन तुम्हे भुलाने की कोशिश करता । हर रात तुम्हारी यादें सिरहाने में दस्तक देती । - Anuup Kamal Agrawal 22 FEB 2017 AT 7:45 कैद हूँ कब से बेचैनियों के तालों मेंखोल दो जरा सुकून की खिड़कियाँ -