YQ Sahitya 4 MAR 2021 AT 15:40 कै निदरहुँ कै आदरहुँ सिंघहि स्वान सिआर हरष बिषाद न केसरिहि कुंजर गंजनिहार[ स्वान (कुत्ते) और सिआर सिंह का निरादर करें, चाहे आदर करें, कुंजर (हाथी) को पिछाड़ने वाले केसरी (सिंह) को इसमें कोई हर्ष या शोक नहीं होता ] - Deepshikha 3 DEC 2017 AT 15:05 चली आती है ज़िंदगीकुछ अल्फ़ाज़ लेकरआख़िर कोई तो कविता बनेकभी रुक़्सत के बेरंगे आँसुओं में लिपटीकभी केसरी कभी हरा लिबास ओढ़ेकभी गुलाब की कोपलों सी चटक लालरूकती नहीं जाने कहाँ जाने की जल्दी हैसाज़ न मिले तो भी इसे गाने की जल्दी हैकोई समझ न पाए तो भी पूरी हो जाने की जल्दी हैबटी हुई मोहब्बत तो कभी ताजमहल के फ़सानेशब्दों की खोज में निकले बेढंगे गानेचली आती है ज़िंदगीयोंही जज़्बात लेकरआख़िर कोई तो कविता बने - Pournima 1 MAR 2023 AT 18:35 मंजिल तक जो साथ चले तुम मेरी वो तलाश होकेसरी रंग भरी दवात लेके फागुन का पलाश होमेरी कविताओं के शब्दों में तुम बहुत खास होकभी न मिटनेवाला एक सुकून भरा एहसास होतरसती हैं धरा बरखा की रिमझिम बूंदों के लिएबिल्कुल वैसे ही तुम मेरी न बुझने वाली प्यास हो - Falguni Shah © 23 MAY 2019 AT 9:59 अबकी बार ३०० के पारहोगी जीत दुजी बारफिर से गुजराती असरदारअब की सरकारकरेगी सब की दरकारहोगी विकास की भरमारदुनिया पर छायेगा जोरदारभारत का नाम होगा शानदारहां..... अबकी बार भी मोदी सरकार....!! - Srishti Garg 14 AUG 2017 AT 9:21 क्यों उसको हरे सेऔर खुदको केसरी से जोड़ते होअमन के सफेद की आड़ में देखोक्या शान से देश लहराता है - UTTAMA DWIVEDI 4 OCT 2019 AT 14:49 न जाने क्यूं आंसुओं को कमज़ोर समझते हैं ,एक यही तो हैं जो दिल का दर्द़ समझते हैं ....... - रब ज्योत 8 APR 2019 AT 8:37 तालवारों पे सर वार दिये अंगारों में जिस्म जलाया हैतब जा के कहीं हमने सर पे ये केसरी रंग सजाया है ! - Nirmala Jangid 11 AUG 2017 AT 23:18 ये केसरी लहरिया मैं लिपटीगुलाबी लाज की रंगत लिए चेहरे परतीज का चांद देखती तू...ये चांदनी का झरना तेरे चेहरे से बह रहा है !!!या ....चाँद से !!!.... - Aman soni 1 APR 2019 AT 15:42 तलवारों पे सर वार दिए, अंगारों में जिस्म जलाया है, तब जाके कहीं हमने सर पे, ये केसरी रंग सजाया है।। - रब ज्योत 27 FEB 2019 AT 14:42 केसरी की खुमारी एक "जीत" दूजी "सरदारी" -