हाँ, मै कुत्ता हूँ पर तुमसे तो अच्छा हूँ।
तुम इंसान होकर भी मूर्ख और गवाँर हो, मै जानवर होकर भी बेह्द समझदार हूँ।
तुम मुझपर करते कितना अत्याचार हो फिर भी मै तुम्हारे घर का पहरेदार हूँ।
तुम अच्छे भोजन का भी करते तिरस्कार हो मै सूखी रोटी खाने को भी रहता तैयार हूँ।
तुम अपनों के ही पीठ पे करते वार हो, मै गैरों से भी करता प्यार हूँ।
तुम प्यार पाकर भी ग़द्दार हो, मै मार खाकर भी ईमानदार हूँ।
एक चोट तुम्हें लगे तो मै करता तुम्हें दुलार हूँ और गर मुझे लगे तो मै हो जाता बेकार हूँ।
तुम धोखेबाज़ तथा मक्कार हो, मै तो जन्मजात वफादार हूँ।
तुम असंतुष्टि तथा अहंकार के भरमार हो इसीलिए तुम्हारी मै निंदा करता बार-बार हूँ।
बस यही कारण है कि आज मै कह रहा हूँ - हाँ, मै कुत्ता हूँ पर तुमसे तो अच्छा हूँ।
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