एक पल में पल खो जाता है
आभास नहीं होता मन को
खिली हुई मुस्कान उनकी
कब निगल जाता कर्कट उसको
हाथों से फिसल जाती है ज़िन्दगी
पल मे......रेत की मानिंद
अपनों को खोकर ही जाना मैंने
सूनी कर देता है आंखों की ज्योति
खाली कर देता है मन का हर कोना
जाना तय है, समय निश्चित है
ना खोये उन लम्हों को
अपनों के संग मुस्कुराकर जी ले
जितनी सांसें बाकी है
कुछ दर्द बांटलें कुछ पल जोड़ ले
कुछ गम भुलाकर कुछ खुशियाँ चुरा लें
आने वाले पल को कुछ मुस्कुराती यादें देदे
-