काश कि वक़्त को रोक पता, बीते लम्हों में जाके उन लम्हो को कुछ और पल ज़ी पाता... मगर ये वक़्त रोके कहाँ रुक पाता है, खोया हुआ पल कहाँ दोबारा से फ़िर आता है...रहती है कुछ काशक दिल में और कई जज़्बात बस ख्वाहिशे बन कर आँखों के रास्ते बह जाता है...!!!
-
Fetching #कुछ_ख़्वाहिश_अधूरी Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.