कहते हैं वो कि खुश हैं बेहद, हमसे जुदा होके, यकीन है मुझे, कि वो भी रंज कि गलियों से गुज़रे तो होंगे। सुकून है कि ग़म और डर से ताल्लुक बना रहता है हमेशा, कल को मेरे पास सुनाने को किस्से तो होंगे।
टकराये थे गली में हम, मगर वो मुँह मुझसे मोड़ गया खुशियाँ मेरी छीन कर, सारे ग़म मेरे हिस्से छोड़ गया दुनिया की मिसाल बनाना चाहता था, हमारी मोहब्बत को मगर मोहब्बत के सारे चिराग बुझाकर, सिर्फ किस्से छोड़ गया