Neeraj Thepoet 18 DEC 2019 AT 16:48 मैं तुम्हारी याद में मकबरा/किला नही बनाउंगाबदले में लगाउंगा अनगिनत पेड़., क्योंकि मैं जानता हूँदीवारों से बातें तो की जा सकती हैउन्हें गले नही लगाया जा सकता.— % & - Bhavna Singhal 14 JUN 2017 AT 23:13 कद बढ़ाना हो तोइंसानियत का बढ़ाओऊँचाई का क्या ?ऊँचाई तो राजमहल के किलो की भी होती है ।जो शत्रु पार कर देता हैइंसान की इंसानियत नही ।। - r goldenink 22 FEB 2020 AT 17:11 उधेड़ दिया वो ख्वाब मैंनेसिलने में जिसको असंख्यचुभती सुइयों का दर्द मिला था ....रह गए हैं खाली वो बदनुमा से गड्ढे उन निशानों केरेशमी धागे से जहाँ जहाँ सिला था...ख्वाब तोड़ती या बेड़ियाँ सवाल अनवरत ये चलता रहा घेरे मुझे एक अदृश्य सा किला था... - काव्यकेशव 4 MAY 2020 AT 22:28 पुनः एक कविता पहेली सी (कैप्शन में) - Gurdeep Singh 5 OCT 2020 AT 11:45 किला हमारा है हम किले के है..🙏🙏 - राजू रंजन 11 SEP 2017 AT 6:17 ढूंढना जो होगा मुझे थोड़ा रो लेना खुद मेंपलक ना गीला होगाक्योंकि उस पर मेरा अभेद किला होगा - राजू रंजन 27 JUL 2017 AT 23:47 हर स्वाद जहर बड़ा फीका थाजब दोस्ती की किला में सेंध दिखा था! - 😊 प्रणय प्रभात ✍🏻 7 NOV 2019 AT 19:05 पहले प्रवक्ता गोले दागेगा।किला ख़ाली हो गया तो ठीक।यदि चाल उल्टी पड़ गई तो"सफेद झंडा" रखा ही है,बड़े साहेब की जेब मे।😊आख़िरी दाँव😊 - Harigandha Singh 29 APR 2018 AT 17:27 बिखर गए हम भी,जैसे तेज़ हवा सेरेत का किलाबिखर जाता है... - Neha sarita Tiwari 1 MAR 2019 AT 19:47 कोई किला ऐसा भी है क्याजिसे यादें ना भेद सके **???*** -