शब्द कम है कैसे करू अभिव्यक्ति है ईश्वर तुम है दो अब शक्ति सुबह की ये पहली किरण देती सबको है ये तो नवजीवन ये किरण लाई है कुछ प्रेम की बूंदें ओस जो है कहलाती पत्तों को जो सोने जैसी है दमकाती हे किरण! खोल दे पट मेरी सुप्त चेतना के रंग सारे हो बोझिल अवमानना के नवीन भौर के साथ नवीन कुछ कार्य करना है कल जहां तक थे पहुंचे वहां से अब आगे बड़ना है किरण ने फैलाया उजाला जीवन तिमिर हर लिया सारा नवजीवन का संचार हुआ किरणों ने अंक में भर आश्वाशन दिया अब और न जीवन में अंधेरा रहेगा ये अज्ञान रूपी कोहरा अब तो छटेगा
वो दूर जाती रोशनी की किरण को, देख पा रहा हूँ मैं क़भी छू लूँगा उसे, इसी उम्मीद में उसके पीछे जा रहा हूँ मैं, वो महज किरण नहीं मेरे सपनों की उम्मीद है, रुक कर कही खो ना दू उसे, पाने की ज़िद में उसके पीछे जा रहा हूँ मैं।
क्या तुम वही हो जिसकी मुझे तलाश है ये सवाल कयी दफा ज़हन में आया क्या मैंने जान ना भी चाहा के किसकी मुझे तलाश है जानने की कोशिश की खूब सोचा सोचते सोचते हार मान लिया फिर सोचा कभी टकराएंगे हम किसी मोड़ पर तब समझ आ जाएगा के तुम वही हो जिसकी मुझे तलाश थी
मैं अब रेत पर तुम्हारा नाम नहीं लिखता। मैं नहीं चाहता कि तुम्हें छुएँ सागर की लहरें या सूरज की किरणें, या रेंग जाए कोई केकड़ा उस पर से। तुम मेरी हो ये मैं नहीं बताना चाहता किसी को। तुम्हें भी नहीं।
सुबह की हल्की ठंडक में धूप की पहली किरण का अहसास है तुम। ठंड में दुबके हुवे दीवाने के हाथ में आने वाली चाय की प्याली हो तुम।। ओ प्रिय तेरी कसक भरी हर अदा को देखने मुंतज़िर हैं हम। रोशनदान से निकालकर दीवार पर बनने वाली सुनहरी छवि हो तुम।। #यादों_की_कसक
आस मन में करवट बदलती रहती है , तुम दरिया में सहरा, तुम्हे पाऊ तुम्हारे पास जाऊ, कैसे मगर कैसे..... बस आस है ,हर साँस है कभी तो आखिर कभी तो, होगा कुछ ऐसा, तेरी किरण मुझ तक , आ जायेगी......!!
-
Fetching #किरण Quotes
Seems there are no posts with this hashtag. Come back a little later and find out.