बीमारी अमीर ला रहा है और डंडा गरिब खा रहा है क्या आपने उन लोगों को एयरपोर्ट पर मारा जो कोरोना से ग्रसित होकर भारत आए थे ।
चाहे कुछ भी हो जाए देश में हमेशा गरिब और सामान्य वर्ग पर अत्याचार हुआ है और होता रहेगा ।-
छोड़कर वो कजरे की धार भारत माँ के माथे को चूम गए ।।
सूनी गोद लिए इन्तजार में रोती रही माँ पर वो
भारत माँ के आँचल में सो गए।।
कल ही तो पहनी थी तेरे नाम की चूड़ी और आज ही उस चूड़ी को तोड़ गए ।।
निभा दी वतन की मुहब्बत पर जो पहनाया
था बालों में गजरा उसको अकेला छोड़ गए ।।
मरकर भी पूरे न मिले ,आधे पौने चिथड़े ही
बस हाथों में रह गए ।।
आज का ही दिन था पुलवामा की भूमि लाल रंग में नहायी थी ।।
तिरंगे में लिपटकर न जाने कितने ही सपूतों की लाशें आईं थीं।।
रोते -रोते भर हुंकार बोला माँ मुझे भी पापा की तरह बनना है ।।
माँ बोली तू भी भारत माँ के चरण को चूमे बस इस दिल की यही तमन्ना है ।।
पिता ने देखे थे जो ख्वाब तुमको पूरा करना माँ भारती की तुझको आजीवन सेवा करना है ।।
महबूबा से मुहब्बत सब निभाते पर तुझे
तो वतन से मुहब्बत करना है ।।
माँ भारती ने दिया ये जीवन उसी को समर्पित करना है ।।
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देशभक्ति में तकल्लुफ की तकलीफ सरासर गलत है।
आराम में करे औ बर्बाद हो जाने दे देश को।।
वो जो लड़ रहे है सीमाओं पर रात दिन।
उनके लिए मत सोचो औ बर्बाद हो जाने दो देश को।।
होश वाले पढ़े लिखो को समझाना पड़ता है हर दिन।
अब अवसर न तलाश करो बर्बाद हो जाने देश को।।
जो है नये वो सब भुल रहे है।
अब क्या करना बर्बाद हो जाने देश को।।
मेरा देश सिर्फ एक मेरे भरोसे ही नही बैठा है।
मेरे विरोध करने से क्या होगा बर्बाद हो जाने देश को।।-
जो हिफाजत में खड़े थें
माँ भारती के
वो सर कट गया अपना
इस मिट्टी की खातिर
उन वीरों की वीर गाथा
युग युग तक गई जाएगी ।।— % &-
बहुत कुछ सह लिया अब और नही
बदला हमे भी लेना है
इन गद्दारों को अब
मुहतोड़ जवाब देना है
देश के वीर जवानों का बलिदान
व्यर्थ नही जाने देना है
उन गद्दारों को मारकर
सम्पूर्ण श्रधांजलि देना है
अब एक सर्जिकल स्ट्राइक से
कुछ खास नही होने वाला
वैसा ही सरप्राइज उसे
अब बार बार देना होगा
देश में रह रहे विरोधियों को भी
अब सतर्क होना होगा
सोनी चैनल को भी अब कपिल शर्मा शो से
सिद्धू को बाहर का रास्ता दिखाना होगा
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हम सब रमे थे अपने में , जब बॉर्डर पर ये "तूल" हुए,
भारत माँ के आंचल के जब शहीद "चालीस फूल" हुए;
सोना-बाबू याद है तुमको, वीरों को तुम भूल गए...
वेलेंटाइन के चक्कर में , तुम इतना क्यों मशगूल हुए ?-
शहादत भी कभी-कभी पैमाने पर तौली जाती है,
देश-काल-स्तिथी की गोद से भी परखी जाती है।-
शहादत को परखने के नजरिए भी कभी-कभी भिन्न होते है,
देश, काल एवं परिस्थितियों के अधीन तौली जा सकती है।-
जय जवान! जय किसान!
26 मई, किसान आंदोलन के 6 माह पूर्ण होने व मोदी सरकार के निरंकुश कुशासन के 7 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के विरोध में किसानों द्वारा #कालादिवस मनाकर विरोध प्रदर्शन करने का समर्थन करता हूँ।-