QUOTES ON #कानून

#कानून quotes

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4 OCT 2020 AT 2:50

कल भी बस उम्मीद ही थी और आज भी बस उम्मीद ही है
बेहतर समाज और व्यवस्था होगी ये इक खोखली तस्वीर ही है

सिर्फ सियासत और राजनीति में उलझा ये देश रहा है
मानवता को शर्मसार करता रोज़ इक घिनोना स्वांग रचा है

कभी हर रोज़ कहीं कोई युवा नशे में डूबा मिलेगा,
कहीं हर घंटे किसी लड़की को दामिनी/निर्भया का नाम मिलेगा

कभी किसानों की लाचारी किसी को समझ ना आएगी
तो कहीं भ्रष्टाचारियों के हाथों आम आदमी की ज़िंदगी पे बन आएगी

कुछ दिन सामाजिक मीडिया व समाचारों में दिखावे की मुहिम चलेगी
कहीं किसी जगह आक्रोश में कुछ दिन मोमबत्तियाँ जलेंगी

फिर होगा कुछ यूँ की हर कोई इन्हें किस्सा समझ भूल जाएगा
न्याय दिलाने वाले ही जब अन्याय करे तो मानवता कौन बचाएगा

संस्कारों में कमी है या दिखावे ने आधुनिकता के नाम का चोगा ओढ़ा है
धुंए में उड़ती ज़िन्दगी और मन में पलती हवस ने किसे कहाँ का छोड़ा है

काश इस देश को कुछ नए कानून और न्याय के आयाम मिल जाये
और फिर वहशी, दरिंदों से आज़ाद ये देश मेरा हिंदुस्तान बन जाये

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1 DEC 2020 AT 16:24


ये दुनियाँ ख़ुद की गलतियों पर पर्दा
डालकर दूसरों पर इल्जाम लगाती है

कई चेहरे दब जाते हैं गुनाहों के पीछे अन्याय
के खिलाफ बोलने वालों को भी दबा देती है...!!

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4 JUL 2020 AT 20:03

ना बे-चारों के लिए है,
ना हकदारों के लिए है..
इस देश का कानून तो,
बस हत्यारों के लिए है..
©drVats

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31 JUL 2020 AT 12:57

तुझे अपनों ने मारा है
राज जमाने से छुपाया है

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26 JUN 2018 AT 11:06

दरअसल
झूठ नज़रअंदाज़ करता हूँ सिर्फ़,
मालूम तो मुझे सच भी है
ज़नाब मुझे सब दिखता है,
इंसान हूँ मैं, क़ानून नहीं

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8 SEP 2018 AT 4:21

दिखा नहीं प्रेम, मुझे किसी की आँख में
जाने किस प्रेम की छूट दी कानून ने

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7 SEP 2018 AT 4:26

अभी सिर्फ कानून बदला है
खून नहीं

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मेरे विचार में👉 त्वरित न्याय, कठोर दंड से ज्यादा प्रभावकारी हो सकता है, अपराधों की रोकथाम में!!

👇आगे कैप्शन में .......

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1 APR 2018 AT 22:25

मुझसे तेरा दर्द देखा नहीं जाता
इसीलिये आजकल कानून बन गया हूँ

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17 NOV 2021 AT 19:18

हर दिन हो रहे हैं बेगुनाहों के कत्ल, क्या देश में बचा अब रूल है,
ये इंसानियत ये जम्हूरियत ये आईन ये कानून ये मुंसिफ सब फुजूल है।
ہر دن ہو رہے ہیں بیگناہوں کے قتل،کیا دیش میں بچا اب رول ہے،
یے انسانیت یے جمہوریت یے آئین یے قانون یے منصف سب فضول ہے!

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