YQ Sahitya 23 JAN 2021 AT 16:55 - Anuup Kamal Agrawal 8 DEC 2018 AT 2:43 अपना दर्द जिस कोरे कागज़ पर लिखता थादुश्मनों में अख़बार बन कर बिकता थाजिसे सिखाता दोस्ती के मायने मैंदोस्त वो दो चार महीने ही टिकता था - Anuup Kamal Agrawal 4 APR 2017 AT 5:28 शायद मेरे शब्द ही होते हैं जहरीलेसफ़ेद कागज भी नीले पड़ जाते हैं - Aishwarya Rane 21 NOV 2019 AT 20:22 कागज़ का दर्दनजाकत से बया करतास्याही से हाल ए दर्दये क्या है कोई जानताजनाब इस कागज़ का दर्द मायनों से अल्फाजों के वो है रूबरूअल्फाजों के इस दास्ताँ में दबा है कागज़ का दर्द - Rana 26 MAY 2019 AT 16:43 चलो.., अपनी तन्हाई का कुछ यूँ इलाज़ करते हैं,लिख-लिख के कागज़ों से बात करते हैं,तू भी तोड़ दे ज़िन्दगी अपनी ख़ामोशी,देख..,पन्ने पलटता हूँ तो बो भी आवाज़ करते हैं..! - दीप शिखा 23 APR 2019 AT 17:44 तेरा खयाल कागज़ पर बिखरता ही रहा,इश्क़ उतर आया आँखों से देखते-देखते ! - Amol Gade 27 MAY 2019 AT 7:58 आसान नहीं होता,कागज़ परदिल अपना कुरेदना। - अthghara पूजा 2 MAR 2019 AT 10:10 बन जा तू कोरा कागज़.. बनू मैं स्याही.. चल मिलकर लिखते हैं, प्रेम की एक नई चौपाई.. 💕 - Deeksha Mishra 23 MAY 2020 AT 17:44 कागज का टुकड़ा बहुत खास हैधैर्य से सुनता मानव की हर बात है! लिख देते हैं सब अपने दर्द इसमेंबस कलम का सहारा इसके पास है!सुनकर सबकी हर बात मन का बोझ कम कर देता है! जीवन में अकेले हैं जोउनको सहारा यही देता है!कागज का टुकड़ा बहुत खास हैधैर्य से सुनता मानव की हर बात है!!! - urooz hashmi 4 SEP 2020 AT 20:37 चलो एक कहनी सुनाए तुम्हें एक काग़ज़ था अावारा आज़ाद फिरता था गली गलीदिवाना हुआ स्याही के इश्क़ मे की कोरे बदन को स्याह कर बेठा -