QUOTES ON #क़लम

#क़लम quotes

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7 MAY 2020 AT 23:38

महसूस करना है तो अपनी आँखें बंद करो
और उन पलो को याद करो जो साथ मे बिताये थे
स्याही पन्नो पे क्यों बिखेरना उससे क्या होगा..!!

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7 FEB 2021 AT 20:10

कोई तो माली लगाएगा मेरे हिस्से की क़लम
न जाने किस रुत में मेरे हाथ गुलाब आएगा

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19 APR 2019 AT 9:58

सुनो क़लम ज़रा उदास है
इसे नये ग़मों की प्यास है

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9 JAN 2019 AT 7:59

दिल के क़फ़स की क़ैद नहीं इश्क़ में रिहाई लिखता हूँ
जज़्बातों की क़लम में भरके तुझे स्याही लिखता हूँ

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1 OCT 2020 AT 0:44

भेड़िए-ए-हवस-ए-समाज के लिए समाज ना बना सका क़फ़स ,
आज फिर एक मासूम निवाला-ए-हवस बन गई जिम्मेदार कौन !!

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1 AUG 2020 AT 11:33

मेरी क़लम हक़ीक़त बयां करती है
जब मैं लिखता हूं ना जाने कितने दर्दों से गुज़रता हूं

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5 APR 2021 AT 21:56

मुफ़लिस हो गया हूँ इतना के लिखने को क़लम भी नहीं
वो यार भी नहीं दर्द भी नहीं अश्क़ भी नहीं जख़्म भी नहीं

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26 MAY 2020 AT 13:05

समर्पित रही सबको,
आखिर क़लम भी स्त्री निकली।

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21 MAR AT 21:53

क़लम को इंतज़ार है हमारे दिल की बातें बयां करने का।
एक दौर था जब हमको शौक़ था ख़ुद को फ़ना करने का।

वो भी क्या ख़ूबसूरत वक़्त था दिल को दरिया करने का।
इश्क़ भी एक तरीक़ा हैं मेरे दोस्त ख़ुद को जवां करने का।

सोचकर दिल ख़ुश हो जाता हैं उन बातों को जब उन दिनों।
हमारे ऊपर मानो एक शुरूर चढ़ा था उनसे निका करने का।

जब उनके सिवा उनके बिना हमने एक लम्हा सोचा न था।
एक ही तलब थी इस दिल की उनको हमनवां करने का।

उस वक़्त इस इश्क़ के मारे दिल में और कोई ख़्याल न था।
इश्क़ उनसे हर वक़्त हर पल हर लम्हा हर दफ़ा करने का।

अच्छा लगता था उनकी गली में शाम को सुबह करने का।
इश्क़ की वजह न थी, मज़ा अलग था इश्क़ बेवजह करने का।

क़लम से सोहबत हुई तो अब एक वजह है जीने की "अभि"।
वरना इश्क़ ने कोई मौक़ा नहीं छोड़ा हमको मुर्दा करने का।

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1 SEP 2021 AT 18:40

हथियार ए क़लम हाथ में ले वो चला है
मंज़िल राहगीर युग निर्माण बता रहा है
जो बीती है मुझ पर इस ज़माने में यहां
वो ओर किसी पर न बीते ऐसा बता रहा है।

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