चले जाओ तुम तो अब जाना ही चाहते थे,
देख रहे थे बहुत दिनों से तेरी बदलती हुई फितरत,
बस मुझे गुनाहगार साबित करने का,
कोई बनाना ही चाहते थे ,
बिन तेल के कभी भी जलता नहीं कोई दिया,
अरे तुम तो मार मार फूक खुद बुझाना ही चाहते थे,
चलो "जोसन" की तरफ से तुम अब मुकम्मल हुए आज़ाद,
यही बात थी ना जो तुम ज़ुबाँ पर लाना ही चाहते थे,
दिख गए थे तुम बाहों में बाहें डाले कल खड़े,
नए इश्क की यही बात थी ना ?
तुम छुपाना जो चाहते थे
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