QUOTES ON #कश्मकश

#कश्मकश quotes

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9 FEB 2019 AT 21:11

ज़िंदगी की अजीब जद्दोजहद है,
जो चाहो वो मिलता नही,
जो मिलता है उसकी कदर नही,
जिसकी कदर करो वो समझता नही,
अब नही चलता हमारा किसी पे वश है,
अपनो के बिना जिंदगी में न कोई रस है,
ये कैसी कश्मकश है,
ये कैसी कश्मकश है।।

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1 JUL 2020 AT 23:25

सफरनामा
रुकसत ना मिले कभी राह मे,
चलना ही तो रुदबा हैं राह का।
मंजिल ना दिखा कभी सफर मे,
कशमकष ही तो चैन हैं सफर का।
हर कशीष को रेहने दे अधुरा,
मिलन तो अंत हैं चाहत का।
बेहने दे हर पल सुकून की चाह मे,
ठेहराव तो बस तीनका सा हैं सुकून का।
मत दिखा आईना किसीं को,
चेहरा तो जाल हैं भ्रम का ।
रेहने दे प्यासे ये नयन,
तेरा रूप तो आखरी पडाव हैं सफर का
जवाब ना दे ए जिंदगी,
तेरे सवाल ही तो मकसद हैं जिने का ।
रहने दे हर बात अधुरी..
हर प्यास अधुरी..
हर आस अधुरी..
रहने दे जिंदगी अधुरी..
पुरी तो बस मौत हैं,
जिने दे .. जिने दे .. जी भर के जिने दे.. रख अधुरा.. बस्स जिने दे ..!!

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20 AUG 2020 AT 23:09

और मेरे दुश्मन
इश्क़ ही मेरा दोस्त है इश्क़ ही मेरा दुश्मन

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21 AUG 2020 AT 10:44

कशमकश में जीने की आदत हो गई
जब मेरी तुम से मुलाकात हो गई
सोच में पड़ गया मैं के
कैसे तुम्हे बना लूँ अपना
ऐसी सोच में सुबह से रात हो गई
बड़े दिन से गुमसुम था मेरा बेचारा दिल
बड़ी मुदत के बाद तेरे कारण उससे बात हो गई
आज साथ है तू तो हर हसरत कुर्बान
हर ख़ुशी मेरे साथ हो गई

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29 MAY 2020 AT 21:06

अलग हूँ और गलत भी हूँ
तुम्हें जो करना है कर लो
जो मैं कल था वही आज भी हूँ..

दुनियां से बेपरवाह हूँ,
लोगों के लिए राह हूँ,
मरते होगें लाखों तुझ पर
मैं अपनी दुनियां में जीता लाज़वाब हूँ..

मालूम है तू मुझसे रूठी है,
मैं भी तुझसे रूठा हूँ..
कश्मकश भरी ज़िंदगी में,
तेरे साथ बिताए हर लम्हें में
मैं तुझे आज भी जीता हूँ...!

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की जिसको भी चाहा
उसको कभी पा न सके
अपना जो हमे कहता रहा
उसको अपना बना न सके
मोहब्बत को शायद यही मंजूर है
की जिस से हो उसे अपना बना न सके

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26 MAR 2021 AT 3:17

ना बनाम शायर ना मुक़म्मल आशिक़..
अज़ीब कश्मकश में डूबा है ये कातिब!

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26 MAR 2022 AT 0:32

जीवन में प्रकाश के लिए
फिलामेंट की तरह जलना रोशन आकाश के लिए

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20 AUG 2020 AT 21:57

चले जाओ तुम तो अब जाना ही चाहते थे,
देख रहे थे बहुत दिनों से तेरी बदलती हुई फितरत,
बस मुझे गुनाहगार साबित करने का,
कोई बनाना ही चाहते थे ,
बिन तेल के कभी भी जलता नहीं कोई दिया,
अरे तुम तो मार मार फूक खुद बुझाना ही चाहते थे,
चलो "जोसन" की तरफ से तुम अब मुकम्मल हुए आज़ाद,
यही बात थी ना जो तुम ज़ुबाँ पर लाना ही चाहते थे,
दिख गए थे तुम बाहों में बाहें डाले कल खड़े,
नए इश्क की यही बात थी ना ?
तुम छुपाना जो चाहते थे

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कशमकश कैसी है दोस्त
प्यार भी हद से ज्यादा है
गुस्सा भी हद से ज्यादा है
दोनो को फिक्र भी एक दूसरे की
हद से ज्यादा है
फिर ये कशमकश कैसी है मेरे दोस्त
हम दूर भले ही है एक दूसरे से
पर हमारे करीब जीतने लोग है
वो करीब होकर भी हमारे करीब नही है
ओर हम दूर होकर भी एक दूसरे
के दिलो पे राज़ करते है
सच है ना मेरे दोस्त
मेने कुछ गलत तो नही कहा न
दुख है कि हमारी जिंदगी से जाना नही चाहते
और खुशी है की हमारे दरवाजे से ही लौट जाया करती है
कशमकश कैसी है मेरे दोस्त ये
कशमकश कैसी है दोस्त।।

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