QUOTES ON #कलह

#कलह quotes

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17 OCT 2021 AT 15:15

सोच की दहलीज पर यादों ने कदम रखा,
खुशियो के फूल महके और यादों की दर्रोदीवार पर जा टकराए ,
"तभी गम मुस्कुराई और बोली"मै खुशनुमा यादों की दीवार पर कलह की दरार अभी हुँ बनाती,
"मुस्कुराहट ने कहा" मुस्कुराहट की लेप हर दरार है भर जाती,
"गम मुस्कुराई और बोली "मुस्कुराहट की ओट मे गम कुछ छन ही छुप पाती ।

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29 JUN 2021 AT 9:41

~
अच्छी पत्नी वही है जो अपने पति को भक्ति की ओर अग्रसर करे, अच्छा कार्य करने को प्रेरित करे
पूरे परिवार को जोड़कर रखे.....

दुर्दशा की अधिकारी है वो औरत;
जो झूठ बोलकर, छल करके भाई-भाई को अलग कराती घर मे कलह करती, परिवार को तोड़ देती है....!!

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26 FEB 2021 AT 12:15

कभी-कभी
शब्दों और भावों
के कलह के बीच
कविताएँ सहन करतीं हैं
असीम पीड़ा.....
और जूझती हैं
अपने अस्तित्व को
बचाने के लिए....
जैसे एक मूक कहना
बहुत कुछ चाहता हैं...
पर कह पाने मे अक्षम|
.
क्या ये सच नहीं हैं?
Hmm
व्यक्त करना चाहती हैं
कभी-कभी बहुत कुछ कविताएँ
पर शब्दों और भावों की
निष्ठुरता से व्यथित कविताएँ.....
.
पराश्रित कविताएँ...
दूर बैठे टकटकी लगाए
देखती हैं इस कलह को |

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घटाएं इस कदर रूठीं,
बादल फुट-फुट कर रोया है।
मिलन की सौगात है या जुदाई?
इस बीच मौसम ने ली अंगड़ाई,
लगता है उसने मज़ा ने पाई।



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10 OCT 2020 AT 14:25

✍️"कलह, बिछोह, बुढ़ापा, गोद, वारिस, महत्व "


🍎...🍇...🍊
दिन देखे दिल रोक रोक पर आज भी गद्दी सूनी थी।
चाहत थी वारिस की उन्हें पर गोद बरस से सूनी थी।
हुए झगड़े तो रहे अलग पर बातें मध्य न रूकी कभी।
वे रोते हैं जब वृद्ध हुए वंश आकर उन पे रूकी अभी।

🥝...🍊...🍇
समय बीती तो गोद लिया एक चेहरा चमकता दिखा उन्हें।
वक्त के मारे, थके बेचारे, यह "वक्त" गया कुछ सीखा उन्हें।
आखिर वारिस से वंश की जिंदगी बचाने का तरीका दिखा।
बीते अरसों वह बड़ा हुआ तो बुढ़ापा सहारे पे टिका दिखा।

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26 FEB 2021 AT 12:47

शहर के उस शोर में,
जहाँ न सुनाई देता
पंछियों का मौन,
न पत्तों की सरसराहट,
और न ही सुनाई देते
आंखो के लफ़्ज़,

वहीं एक छोटी सी कविता
चली अपना गीत सुनाने,
कुछ बताना चाहती थी,
शायद कुछ जताना चाहती थी,
पर वहीं रॉड क्रॉस करते हुए,
फिल्मी गाने बजाती हुई एक
मॉडर्न गाड़ी आई और...

इस शोर में कहाँ सुनता
कोई कविता की आह!
अच्छा ही तो हुआ...
वहीं कविता जूझती रही,
लहू लुहान, बेहाल,
एक कोने में
बस एक आस लिए शायद
कि कोई सुन ले
आखिरी बार...
पर क्या...?

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4 MAY 2020 AT 14:22

✨परिवार, नई बहु एवं डाँट✨

१✍️ एक घर में ६ सदस्य थे। बूढ़ा, बूढ़ी एवं उनके दो बेटे जिनकी शादी एक साथ महीनों पहले ही हुई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था। २ महीने बाद नई बहु बहुत सीधी सादी साबित हुई। यहाँ तक कि वह अपनी ही जेठानी की सेवा जतन भी करने लग गई।


२✍️ कुछ दिनों बाद तो जैसे उस पर सभी राज करने लगे एवं ताने भी कसने लगे, बूढ़े को छोड़कर। वह अपनी छोटी बहू से प्यार करते थे और समर्थन भी।

३✍️ एक दिन अचानक, बड़ी बहु एवं सास किसी छोटी सी बात पर खरी खोटी सुनाने लगे। अब बूढ़े से रहा नहीं गया एवं उसने लयात्मक रवैये में उन्हें कुछ ऐसा कहा।


बारी बारी बारम्बारी
वारिस बन न वार करो।✨.......(१.१)
तपिश अति इस तप को
बारिश बन सत्कार करो।✨.....(१.२)

प्यारी मेरी बहु बेचारी
उस पे न अत्याचार करो।✨........(२.१)
काट दो जड़ न रहे बिमारी
तल्ख़ वचन बौछार न हो।✨....(२.२)

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15 JAN 2020 AT 16:32

यह देश एक होगा तब जब
परिवार के वंशज एक रहें,
सौ कमरे भले हो घर में मगर
बस चूल्हा-चौका एक रहें !

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10 NOV 2019 AT 18:15

जिनको भी उत्थान हमारा खलता है,
देख हमारी ख़ुशी लोग जो जलते हैं ।
क्रोध नहीं है मुझको उन पर थोड़ा भी,
नकारात्मक सोच में जन जो पलते हैं ।।
मन में उनके लिये भी आदर भाव रखो,
पीड़ा से हैं ग्रस्त दुःखों के मारे हैं ।
हित की आशा करो प्रेम के कन्द चखो,
अलग नहीं प्रभु की ही तरह हमारे हैं ।।

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20 FEB 2021 AT 13:57

कोई ब्याह कर घर ले आया तुम्हें
सम्मान दिया,प्यार दिया

इसका ये मतलब नही कि
तुम उसके घर को नर्क बना दो
घर को तोड़कर आपस मे ही कलह कराओ

अरे खुशियों को बढ़ा नही सकती
तो कम से कम चैन से प्रेम से
सबको जी तो लेने दो

यही बात यदि सब समझ लें तो
99% घरों में ‍आपसी प्रेम को
कोई खत्म नही कर सकता
कोई भी नही!! 🙌

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