ठीक नही तुम्हारे लिए कब तक झूठ की बुनियाद पर खड़े रिश्तो को निभाते रहोगे कब तक अपनी खुशियों को सूली पे चढ़ाते रहोगे यूँ झूठ का दिखावा कर अपने ज़मीर को मत मारो सच का सामना करो । झूठ का दिखावा मत करो
मौत के बाजार में गरीबों का हाल कोई नही पूछता। भूख प्यास से वो लड़े, मगर मासूम बच्चों का क्या करे। भूख से बहुत रोते हैं वो,पर आवाज कोई नही सुनता। ये खुदा तेरी अवाम बहुत बिलखती है,लगता है बंद दरवाजे से वो भी कुछ नही करते।