ये केसरिया भी मेरा है और हरा रंग भी मेरा है है सफेद मेरा और चक्र का नीला रंग भी मेरा है केसरिया मेरे जवानों का है हरा मेरे किसानों का मजदूरों का श्वेत पसीना है नीला मेरे विद्वानों का काली जिनकी करतूतें हैं काली ही जिनकी सोच है उनका कोई रंग न मजहब है उनको..कालिख ने घेरा है
साँची बात तौ या है..अँसारी सा कै मुसलमान बस भारत मा ही सुरक्षित हाँ नै तो जिस्यी बीकी करतूत छै... सगली दुनियाँ मा वा सुरक्षित कौन सबसूँ ज्यादा खतरो तो बीनें मुस्लिम देशां में ही छै.. आपणा ही देश के खिलाफ़ अइंया जहर उगलवा री आज़ादी और खाँ मिलेगी थानें