कभी लटें तेरे गालों को चूमती हैं कभी झुमके तेरी गर्दन सहलाते हैं तेरी लंबी चोटी तेरी कमर के साथ खेलती है और ये बचा चाँद दिन में तो खिड़की पे आ जाता है तुझे देखने आसमान की नीली छतरी ओढ़े और रात में सितारों के फूल बिछा देता है तेरे कदमों में हमेशा कहता हूं अपने हुस्न को छिपा के रखा कर अब अकेला ये तेरा दीवाना तेरे और दीवानों से कब तक लड़ता रहे।