करूँ क्या मैं की तुम प्रणय निवेदन स्वीकार करो,
हो तेरा ह्रदय द्रवित की प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
बोल के कह नहीं पाता, आँखों के बोल समझा करो,
नृत्य मयूर सा करूँ तो प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
आगे पीछे मैं तेरे फिरूँ और हरदम मैं बतियाता रहूँ,
गुटरगूँ कपोत सा करूँ, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
निहारूँ तुमको मैं शांत मन से, होने का मैं अहसास दूँ,
बनूँ उदाहरण सारस सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
करूँ उछलकूद, या छलांगे, की तुम कुछ रीझ जाओ,
है करतब नीलकंठ सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
सुंदर सलोना है घरौंदा, मनमोहक है मेरी कलाकारी,
सुंदर घर मेरा है बया सा प्रणय निवेदन स्वीकार करो!
कष्ट मन का कैसे बताऊं, कैसे तुमसे चाहत दिखाऊँ,
विरह गीत पपीहा सा, प्रणय निवेदन स्वीकार करो! _राज सोनी
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