चित्र में प्रस्तुत गायक का नाम बताएं?
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माटी रो ओढ़णों, माटी रो बिछोणों।
बादळा तळे होसी माटी रो सिरहाणों।
काया री झूठी शान धरो ना 'अनुरागी'
उण दिण तो माटी म्हे ही मिळ जाणों।-
कौन ठगवा नगरिया लूटल हो ।।
चंदन काठ के बनल खटोला
ता पर दुलहिन सूतल हो।
उठो सखी री माँग संवारो
दुलहा मो से रूठल हो।
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जोगी गोरख गोरख करै।
हिंदू राम नाम उच्चरै।
मुसलमान कहै एक खुदाइ।
कबीर को स्वामी घटि घटि रहयो समाइ।।-
ना जाने तेरा साहब कैसा है
मसजिद भीतर मुल्ला पुकारै, क्या साहब तेरा बहिरा है?
चिउँटी के पग नेवर बाजे, सो भी साहब सुनता है
पंडित होय के आसन मारै, लंबी माला जपता है
अंतर तेरे कपट कतरनी, सो भी साहब लखता है-
'न पल बिछुड़े पिया हमसे, न हम बिछुड़ें पियारे से।
उन्हीं से नेह लागी है, हमन को बेकरारी क्या।'
( मेरा प्रिय तो एक भी क्षण मुझसे बिछड़ता नहीं और न ही मैं अपने प्रिय से बिछड़ता हूँ, उन्हें से मेरा प्रेम है, जब बिछड़ना होता ही नहीं तो बेकरारी क्या होती है? मुझे क्या मालूम, बेकरारी मेरे काम की वस्तु नहीं है )-
हमन है इश्क़ मस्ताना, हमनको होशियारी क्या
रहें आज़ाद या जग से, हमन दुनिया से यारी क्या
जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-बदर फिरते
हमारा यार है हम में, हमन को इन्तज़ारी क्या
खलक सब नाम अपने को, बहुत कर सिर पटकता है
हमन गुरुनाम साँचा है, हमन दुनिया से यारी क्या
न पल बिछुड़े पिया हमसे, न हम बिछड़े पियारे से ।
उन्हीं से नेह लागी है, हमन को बेकरारी क्या ।
कबीरा इश्क़ का माता, दुई को दूर कर दिलसे ।
जो चलना राह नाजुक है, हमन सिर बोझ मारी क्या ।-