__तेरी बेकरारी-ए-चाहत ने , हमारे बेइंतहा दरख्वास्त-ए-मोहब्बत का कत्लेआम कर दिया.. 😥😥 ...आखिर क्यूँ तुने,, मकबरा-ए-इश्क़-ए-मुमताज़ का ख्वाब दिखाकर , हमें बदनाम खुलेआम कर दिया..😭😭
तुम बने धड़कन और दिल में कोहराम हो गया, हमारी मोहब्बत का शोर सुनो सरेआम हो गया, जायज़ होता है सब इस इश्क़ की जंग में जानाँ, तेरी मोहब्बत के लिए तो मैं कत्लेआम हो गया..