कंजक जमाने को कन्या ढूंढते फिरेंगे घर घर
वो कंजर
जिन्होने बेटी की किल्कारीयो को गूंजने
नहीं दिया था अपने घर
दिखाया था उस समय
बडा जिगर
आज चुराते फिरते हैं माँ भगवती
से अपनी नजर,
मंदिर की दीवारो पर क्यू अब ढोंगी
पटकते हैं अपना सर
क्यू अब लग रहा है क्या डर
कंजक जमाने को,कन्या ढूंढते फिरेंगे घर घर
वो कंजर
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