"ये औरतें"
न जाने किस रहगुजर की तलाश
आंँखों में नज़र आती है,
ये औरतें हर दौर में
खुबसूरत नज़र आती हैं,
दिल की आलमारी में
समेट कर रख लेती हैं
चंद ख्वाहिशें, अरमां और चाहतें.....
फिर भी अहसास की दौलत
सब पर लुटाती हैं,
ये औरतें हैं न जनाब
बहुत दिलदार नज़र आती हैं।
क्रमशः
-