यकीनन दूर होते हैं जमीं-अंबर दोनों!
किसी के हाल से कोई जुदा नहीं होता.
जरूर होती हैं बेवजह इश्क़-आगाजे!
मगर अंजाम तक जाने का बड़ा किस्सा होता.
रूह भी तड़प कर सजदे में आ गया होगा,
यूं ही कोई किसी चेहरे पे फिदा नहीं होता.
जरूरी है कि जज्बातों को मौन रहने दें,
बोल देने भर से मुकम्मल अदा नहीं होता.
प्यास लग्गे तो जमकर पियो पानी,
हाड़ कांपे तो धूप को ओढ़ लो तुम.
इश्क़ की बात हो तो अक्ल ना लगाया करो,
शम्अ की बात हो तो दीये ना बुझाया करो.
मगर इस बात का भी हरदम खयाल रखना कि,
किसी के आज का मतलब उसका कल नहीं होता.
#ओजस
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