अगर बैठे गिनने कम पड़ जाये ये जहान,
कम पड़े अगर साँसे बन जाए वो जान...!!
मित्र होता है अभिमान,
दिखाए सच्चा पथ होता है वो ज्ञान...!!
जो करे विपरीत इसके काम,
समझ त्याग तो उसको अन्जान,
मित्र नहीं वो है दीमक के समान..!!
सच्चा मित्र होता वही जो तुम्हारे लिए,
कभी बने दिवाकर कभी शीतल शाम...!!
मेरे पास हैं मित्र कुछ ऐसे महान,
पूरा होता उनसे जुड़ के मेरा नाम..!!
बस्ती है सबकी एक दूसरे में जान,
सब हैं एक दूसरे के लिए समान..!!
-©Saurabh Yadav...!!
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