हर रिश्तों में कुछ खास है,
कुछ प्यारा सा एहसास है,
अनन्त मिठास से भरा,
दोस्त सिर्फ शब्द नहीं, विश्वास है।
सिखलादे जीना, खुलकर हँसना,
रोते हुए अपने को बिन कहे समझना,
बेसुरे संगीत में जो भर दे स्वास है,
दोस्त सिर्फ खास नहीं, मेरी आस है।
थाम लेते हाथ मेरा, गिरने नहीं देते है,
मुझें बिन कहे ही, मेरा सुख-दुख बाट लेते है,
खुशबू से जिसने महका दिया, जीवन का ये सफा,
वो दोस्त सिर्फ़ नाम नहीं, मेरी एक पहचान है।
M.J.
-