मोहब्बत में पड़े पुरुष के लिए एक स्त्री की मुस्कान पहेली की तरह दीवार बनकर खड़ी होती है। पहेली से जूझता हुआ या तो वो स्त्री को प्रेम में अपना बना लेता है या तो खुद एक पहेली बन जाता है। बाद वाले की संख्या में बढ़ौतरी है वैसे। अब क्या बताएं मैं ख़ुद से जूझ रहा हूँ।