QUOTES ON #उम्मीदें

#उम्मीदें quotes

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25 MAR 2019 AT 12:56

Hmm mujhe tumse bht umeedein thi
Mere har dukh dard mein tum mere sath rahoge.....
Meri kashmkash or uljnno bhari
zindagi mein tum mera sath doge....
Per us wqt main bikhr gai jis din tumne kaha umeed ek tut-ta hua bhrosa hai jo khud mein mukkaml hote huye bhi adhura hai....

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31 DEC 2021 AT 13:44

यह रास्ते दास्तान-ए-ज़िंदगी के कहीं तो जाते हैं...
यूँ ही नहीं.. यह हँसी है.. ख़ुशी है.. यह गम.. यह आँसू.. कहीं से तो आते हैं,

हम जा रहे हैं या वो ...मेरी तरफ़ ही आ रहा होगा शायद...
...है हसरत-ए-उम्मीद के वो बीच.. राह कहीं तो मिलेगा
कमबख़्त कब से... हम यही तो चाहते हैं...,

अब मिले ना मिले वो पऱ मेरी औऱ उसकी राह तो वही है..
...जहां आख़िर अंत में हर राह को मिलना है.. चलो फिऱ वहीं मिलेंगे....
हम वहीं तो जाते हैं..,

यह साल नया-पुराना यूँ ही आएगा जाएगा.. बस शुक्रिया तेरा ज़िन्दगी..
...शुक्रिया तेरी इन ख़्वाब-ओ-ख़्वाईशों की अंतहीन हवाओं का..
...के कइयों का तो इसमें दम घुट गया है
हम तो ख़ैर कम से कम अब भी... सांस तो ले पाते हैं,

यह रास्ते दास्तान-ए-ज़िंदगी के....
...कहीं तो जाते हैं!!

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9 AUG 2020 AT 14:49

"ज़िन्दगी से उम्मीदें कम ही रखना...
जो चाहो वो सबकुछ कहाँ हासिल होता है,

पासे पलटने में ही ना खो देना इसे
दिमाग़ से भी ख़ूबसूरत....
.....मुहब्बत भरा दिल होता है,

ऊंचा उड़ना आसमाँ छूना कोई जुर्म नहीं
पऱ याद रखना...
ज़्यादा हवा में साँस लेना मुश्किल होता है"

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25 DEC 2020 AT 3:17

गुजरे ऐसी हर रात-रात,
हो ख़्वाहिशों से बात-बात..
लेकर सूरज से आग-आग,
गायेजा अपना राग-राग..
कुछ ऐसा करके दिखा,
खुद खुश हो जाये खु़दा.!!

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15 APR 2021 AT 6:51

मैंने पक्के मकानों में इक़ कच्ची सी बस्ती रखी है
सुख में हंसना तो दुःख में मुस्कुराने की भी हस्ती रखी है,
अगर आजमाईश है उसकी तो आजमा ले हमें वो
मैंने तूफानों के आगे.. अपनी ख़ुद-परस्ती रखी है,
माना.. यह ख़ुशियों का सारा साग़र है उसका
मैंने इसमें अपनी भी इक़ छोटी सी.. कागज़ की कश्ती रखी है,
भले ले जाये कोई ख़्वाबों के खज़ाने..आँखों से
यह ज़िन्दगी मिट्टी है.. औऱ मैंने इसकी क़ीमत मिट्टी सी सस्ती रखी है!!

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25 MAR 2019 AT 14:15

खुद को रोक लोगी
बाकी तूमसे प्यार करने से हमें
हम खुद भी नहीं रोक सकते

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2 JAN 2021 AT 22:05

उम्मीदें तो नहीं हैं ,
तेरे लौटने की |

पर ये दिल तेरा
इंतजार आज भी
कर रहा |

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25 APR 2020 AT 18:30

सुनो, कहते हैं प्रेम अलिखा हो अनकहा हो तो भी दिख ही जाता है। पता नहीं तुम्हें ही क्यों नहीं दिखता ।
मैं भी अजीब हूं बाँधती रहती हूं उम्मीदों की एक डोर क्षितिज के इस छोर से उस छोर तक कि किसी दिन तो दिखेगा तुम्हें मेरा प्रेम ,जो सहेजती हूं, संभालती हूं ,कभी धूप दिखाती हूं, कभी हवा कि मुर्झा न जाए ।सीचती रहती हूं अपने शब्दों से उसे ठूठ पड़ते इश्क के पेड़ को की किसी दिन तो ठहरोगे तुम किसी एक शाम यूं ही , मेरे शब्दों के छांव तले और फिर उस दिन सारी तनहाइयां सूख कर गिर जाएंगी और भर देगी उसे नए कोपलों से। सुनो ये जो सामने तारा देख रहे होना यह मेरी आंखों से निकला उम्मीद का तारा है जो रोज आसमान से चिपक जाता है तुम्हारी खोज में ।बस इतना करना के इसके टूटने से पहले आ जाना और हां मैंने इस तारे का नाम भी अपने नाम पर रखा है। मेरा नाम तो याद है ना तुम्हे...????

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3 SEP 2020 AT 20:20

ना रास्ते ने साथ दिया
ना मंजिल ने इंतजार किया

मै क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में
मेरे साथ तो मेरी उम्मीदों ने भी मजाक किया

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31 MAY 2021 AT 21:36

आजकल रातों में नहीं,
उसके ख्वाबों में सोता हूं।

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