QUOTES ON #उपकरण

#उपकरण quotes

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19 SEP 2019 AT 13:20

इन उपकरणों में ही
अपना संसार नज़र आता है,
मगर फिर क्या होता है
नज़रों का धोखा,
यह समझ आता है।

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21 FEB 2017 AT 14:22

वो फूल तोड़कर लाता था
वो रोज उसे गुलदस्ते में सजाती थी
वो जानती थी कि...
एक दिन उसे भी किसी बगिया से
तोड़कर लाया गया था इसी तरह।
और सजा दिया गया एक सामान की तरह
और शायद जब वो मुरझा जायेगी
तो फेंक दिया जायेगा इन फूलों की तरह
चार दीवारी के किसी कोने में।
हाँ वो फूल ही तो है।
फर्क बस इतना है कि वो औरत है।
एक के लिए पराया धन दूसरे घर के लिए परजीवी है।
फिर भी वे जीव नहीं और न जीवित ही है ।
बस एक मशीन की तरह
शायद एक कृत्रिम फूल की तरह।
या कामकाजी घरेलू उपकरण की तरह।
हाँ वो औरत है।

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11 MAR AT 15:38

के ना रहा वो खरल-मूसल और सिल्ल बट्टा अब Mixer Grinder आ गए,
धीरे-धीरे वोह पूराने बढ़ई द्वारा निर्मित घरेलू उपकरण,औज़ार सब modern equipment/home appliances खा गए।

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12 AUG 2018 AT 14:38

घुली हुई रोशनाई और उसमें
डूबी कलम, साहित्यिक अवधारणा
के विशिष्ट उपकरण हैं।
समाज और साहित्य ऊँचाई के
चाहे जिस परचम को लहरायें,
पर आधारशिला में घुली हुई
स्याही और उसमें डूबी कलम
की महत्ता सदैव विराजमान रहेगी।

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27 JUL 2019 AT 21:44

सत्य के इतने आवरण होंगे
प्रचार के इतने उपकरण होंगे
प्रतिदिन प्रपंच के प्रकरण होंगे
अग्निपथ आमरण होंगे
ईश्वर भी न्यायालय की शरण होंगे

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21 MAY 2022 AT 0:13


#दूर होकर भी पास #
दूर होकर भी पास होने के जिनके अहसास होते हैं,
दिल खूब जानता है, वो रिश्ते कितने पास होते हैं।
नहीं निहाँ होते जो पल भर को भी इन आंखों से,
वो पास होने वालों से भी ज्यादा पास होते हैं।

घर के सभी सदस्य मोबाइल में खो जाते हैं इस कदर
कि पास वालों से तो दूर, दूर वालों के पास होते हैं।
कोरोना काल का विकट दौर बिताना कठिन होता,
अगर संचार के यह आधुनिक अविष्कार न होते।
ममनून हैं तमाम वैज्ञानिकों के जिनके कारण,
न छूने की वबा में यह साधन वरदान होते हैं।

सिमट गया है यह संसार इस छोटे से उपकरण में,
कोई कहीं भी जा बसे,बस बटन दबाने मात्र से,
सात समुद्र पार वाले भी एकदम पास होते हैं।
भँवर में रुखसत हो जाते हैं जो इस जग से,
वैज्ञानिको!बना डालो उनके लिए कोई ऐसा
नायाब उपकरण उनसे विसाल करने का जो
सोगवार-ए-जीस्त में जीवन की सौगात होते हैं।

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30 JUN 2020 AT 20:24

पानी के प्रवाह को कुछ पल के लिए विविध युक्तियों के माध्यम से रोका जा सकता है। परंतु लेखनी की गति को रोक पाना असंभव है। यह मष्तिष्क से उपजे अदृश्य विचारों को मूर्त रूप देने वाला उपकरण है।
विचार निरंतर चलायमान होते हैं। जिन्हें उचित एवं सटीक शब्दों के प्रयोग से प्रदर्शित किया जाता है।
विचाराभिव्यक्ति उतनी सहज व सरल नहीं होती है जितना सर्वदा समझा जाता है। हां, यह अथक प्रयास के द्वारा संरक्षित हो सकता है।

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