हमें, वो इश्क़, मुनासीफ ही नहीं, जो, आसानी से हमें, मुकम्मल हो जाए, थोड़ी, चुनौतियों तो आने दे, इश्क़ के मसाफ़त में, फिर.......! अपने उन्स को पाने का, अंदाज़ ही, शानदार हो जाएं।।
इस, बेगाने - ए - उन्स को, तेरी अनीस ने, उन्स का मतलब सीखा दिया। आफ़्ताब - ए - ज़ीस्त, बन आए हो, तुम मेरे ज़ीस्त में, मेरे ज़ीस्त को तूने, पहले से और हसीन बना दिया ।।