ज़िन्दगी के उस मोड़ पे आ खड़े हुए हैं हम जहां_
ना ज़रूरत है किसी कि
ना ज़रूरी है कोई
ना प्यार हैं किसी से
ना पसंद है कोई
ना हम हैं किसी के
ना हमारा है कोई
ना समंदर हैं हम
ना किनारा है कोई
ना इंतज़ार है किसी का
ना चाहत है कोई
आख़िरी बार कहती हूं
ये दुनिया केहने को तो बहुत बड़ी है
लेकिन फिर भी.....
ना आस है किसी कि
ना सहारा है कोई
ना हम है किसी के
ना हमारा है कोई💔🙂
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