QUOTES ON #उड़ान

#उड़ान quotes

Trending | Latest
19 JUL 2021 AT 10:38

उड़ने के लिए पंख तो मिले,,
लेकिन उन पंख के भार बहुत है,,,✍️✍️✍️

-


11 APR 2020 AT 0:41

कुछ कर गुजरने की चाह अच्छी है
चल रहा है तू जिस पर वो राह अच्छी है
सिर्फ तस्सवुर कर बैठने से कुछ नहीं होगा
उठ हिम्मत कर यकीनन तेरी उड़ान अच्छी है......

-


18 OCT 2022 AT 20:10

जब नजर आसमान की तरफ हो तो
जमीन पे पड़े गोबर से क्या डरना?
अपनी फितरत रही है की जिस तरफ
नजर पड़े उसी ओर उड़ान भरना।

-


19 FEB 2021 AT 11:14

उड़ान हौंसलों की फ़लक तक है
पाँव ज़मीं के हैं ज़मीं पर ही रहेंगे!

-


10 JUL 2020 AT 8:58

उड़ने की बस देर है
वक़्त होते पोहोचना मुकाम तक
क्योंकि यहां शाम के बाद होती अंधेर है

-


23 JUL 2019 AT 9:34

कुछ लोग जब बेवजह इस मकान से गुज़रे
न जाने कितने काँटे पैरों के निश़ान से गुज़रे

गुनाह करता रहा हर इन्सान श़ाम-ओ-सहर
इज्ज़त की क्या वो तो बस ख़ानदान से गुज़रे

ज़िन्दगी अपनी न समझी तो दूसरों की क्या
मौत आये और आकर हर इक इन्सान से गुज़रे

नेकियाँ बचा लेती हैं सबको आग में जलने से
आग जलकर भी बस अब आसमान से गुज़रे

इज्ज़त तो जैसे सबने ताक़ पर रखी है ज़ालिम
शोहरत जो कभी-कभी गरीबों की जान से गुज़रे

हम तो सिर्फ़ पर कटे परिंदे हैं उड़ना तो नहीं भूले
अब ख़ुदा जानें कितने मांझे हमारी उड़ान से गुज़रे

बच सकता है तो बच दुनिया के ज़हर से "आरिफ़"
क्या पता कौन आकर तेरी इस ज़ुबान से गुज़रे

"कोरा काग़ज़" कब तक आवाज़ उठाता रहेगा
कलम भी कभी-कभी चोरों की दुकान से गुज़रे

-


18 NOV 2018 AT 18:48

मेरे पंख के कुछ टूटे टुकड़े मिले
आज मेरे सिराहने पर,
लगता है अब उड़ने को
तैयार हूं मैं...

-


8 DEC 2019 AT 17:42

दुनिया एक ज़रिया है इसकी बंदिशों से ना डर,
सोच का फ़र्क है पिंजरे को कैद समझ या घर।।

पैर तो बढ़ा मंज़िल ख़ुद रास्ता दिखाएगी,
मेहनत बिना भला सफ़लता कैसे मिल पाएगी।।

उड़ के तो देख़ ज़्यादा ऊँचा भी नहीं आसमान,
किसी में दम नहीं जो बाँध ले तेरी "उड़ान"।।

शिथिल रहा तो एक कठपुतली बन रह जाएगा,
फ़िर तुझे जो जैसे चाहे वैसे नाच नचायेगा।।

उठ मेहनत कर तुझे ज़रूर हासिल होगा मुकाम,
होगा नाज़ तुझे ख़ुद पर जब होगी तेरी अपनी पहचान।।

-


30 AUG 2020 AT 11:35

बाबुल, ना बांध मुझे इस रीति की डोरी में।
मुझे अभी नहीं निभानी आती प्रीति।
माना हो गई हूं मैं सयानी,पर नहीं आती मुझे प्रीत निभानी।
माना हो गई है, उमर बाली मेरी, पर समझ नहीं है रीति की।
बाबुल ना कर तू ज़िद, अभी है मुझमें हिम्मत कुछ कर दिखाने की।
ना समझ हूं,पर है थोड़ी समझ बाकी, पहले खड़े हो लेने दो अपने पैरों पर मुझे, काबिल बन जाऊ मैं भी।।
हैं कसम तेरे सर को झुकने ना दूंगी, किसी और को शामिल होने ना दूंगी
मुझे उड़ने दो, अभी मेरे पंखों मैं है, जान बाक़ी।
मिल जाने दो पहले मंज़िल मेरी, नाम से तेरे मैं जानी जाऊ।
बस यही है तमन्ना मेरी, मेरे नाम के साथ D/O हो तेरा।
ना होने दो किसी और को शामिल।🙏🏻

-


30 JUN 2020 AT 22:37

परों को खोल क्यों शर्मिंदा है तू...
मेरे दोस्त ऊंची उड़ान का परिंदा है तू...

-