QUOTES ON #ईश्वर

#ईश्वर quotes

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8 APR 2020 AT 17:06

संक्रमण के चक्कर में,
कोई खाली पेट सो जाएगा ।
उसे सपने आएंगे,
के मेरा भोजन कहां से आएगा?


रोटी का एक टुकड़ा देंदे,
या पानी दो बूंद सही ।
राम भी खुश होगा तब ,
अल्लाह भी दिया जलायेगा।

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5 JUN 2020 AT 10:43

मनुष्यों ने ईश्वर से ज़्यादा दिलचस्प और मनोरंजक आविष्कार कोई दूसरा नहीं किया— % &

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25 SEP 2020 AT 22:53

जब ईश्वर ने
स्त्री को रचा
कूट कूट कर भरी
उसमें सक्षमता
जब ईश्वर ने पुरुष को रचा
उसे भी हर प्रकार सक्षम बनाया
दोनों की तुलना ना हो
इसीलिए
स्त्री और पुरुष को
एक दूसरे का पूरक किया
लेकिन
पुरुष ने स्त्री की सक्षमता को
कभी नहीं स्वीकारा
स्वीकार करने का गुण
उसने क्या केवल स्त्री में भरा ??
यदि नहीं .. !! तो पुरुष की सोच
पितृसत्तात्मक या कि पुरूषवादी
कब और कैसे हो गई ??

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7 SEP 2019 AT 3:15

तपती आँच में ख्वाहिशें नहीं जला करती,
सहज स्त्रियाँ यूँही जटिल नहीं दिखा करती,

बाँध लेती है आस की डोर से खुद को
बंद मुट्ठी से आसमान नहीं लिखा करती,

ढूंँढ लेती है रास्ता वो बिखरे से रिश्तों में
खिंचकर टूट जाए, ऐसा नहीं राब्ता रखती,

बिखर जाती है अक्सर ही काँच की तरह
'दीप' वो पत्थरों सा दिल नहीं रखा करती,

ईश्वर की ही नेमतें हैं ये आसमां-औ-जमी ं
सृष्टि स्त्री से बेहतरीन और नहीं रचा करती !

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19 JAN 2020 AT 17:12

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22 APR 2020 AT 13:26

तुम ईश्वर के जैसे ही हो!
शून्य में विलीन,
अदृश्य... अप्रकट।

मैं तप में लीन हूँ,
निश्चिंत हूँ...
अपनी ही प्रेम साधना में।

अब शरीर की इच्छा नहीं,
वियोग में तप कर
प्रेम वासनाओं के परे हो गया है।

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2 JUN 2020 AT 11:58

न मिलता है वो गीता में न वो क़ुरआन से ख़ुश है,
न आया वो भजन सुनकर न वो अज़ान से ख़ुश है,

उसे काफ़िर भी प्यारा है, उसे मोमिन भी प्यारा है,
वो मालिक दो जहानों का भले इंसान से ख़ुश है।

तेरी पूजा-नमाज़ों की नहीं दरकार कुछ उसको,
उसे दिखता है दिल तेरा, तेरे ईमान से ख़ुश है।

तू बन हाफ़िज़ या हो पंडित कहाँ ये ग़र्ज़ है उसकी,
वो मासूमों का है दिलबर , दिले-नादान से ख़ुश है।

वो चिड़ियों को खिलाता है, वो रिंदों को पिलाता है,
वो सबसे प्यार करता है, वो हर इक जान से ख़ुश है।

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15 MAY 2020 AT 18:40

जपा है जब से अल्लाह-राम
शेष विशेष नहीं कुछ द्वेष
शेष विशेष नहीं अब काम।

हज़रत - मरियम - सीताराम
परहित करना इक संदेश
निर्धन कुटिया मक्का-धाम।

ईश्वर - अल्लाह इक का नाम
मंदिर - मस्जिद कहाँ कलेश
सब उसकी है धरा तमाम।

नानक, ईसा, राधा - श्याम
कब था इनको क्रोधावेश
गंगा करूणामय अविराम।

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30 JUL 2020 AT 8:09

बात अटकी 'खुदा' की मर्जी पर
'देखता' सब रहा 'दिखा' भी नही

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18 MAY 2021 AT 15:39

मोहब्बत का तो पता नहीं
पर हां जहां प्रेम होता है..
वहां आनंद आनंद में ओर
ईश्वर का ज़रूर निवास होता है।

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