QUOTES ON #इस्तकबाल

#इस्तकबाल quotes

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30 MAR 2020 AT 1:04

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25 MAY 2017 AT 10:21

बड़ी मुद्दतों से कोई आया है हम व्यस्त है उनके इस्तकबाल में
रूसवाई तुम माफ करना नहीं आयेंगे तुम्हारे इस्तकबाल में ।।

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20 NOV 2020 AT 21:34

नज़्म-ए-शायर का,
इस्तकबाल क्या कीजे,
सब मोहब्बत की मेहमान नवाज़ी में,
दिल पर चोटें खाएं हुए है।।



- पूजा गौतम

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21 JAN 2019 AT 21:19

महफिल ए शोख में
इस्तकबाल करो,
अरे हम आए हैं
कुछ तो एहतराम करो,
खुलेगी जुबां तो
फूल बरसेंगे आसमां से,
जुबां मेरी खुल जाए
ऐसा कुछ काम करो ।

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13 FEB 2021 AT 20:05

🎀🐾"गरीब मित्र ने स्वागत में कोई कसर न छोड़ी"🎀🐾
✍️🎀🐾
हम वाकिफ़ तो नहीं थे "मित्र", तुम्हारे दिक्कतों से!
कि सहसा मुन्तज़िर जान तुम्हें, घर आने की सोची।
🎀✍️🐾
दिनों बीते दूर रहते तो बने नाते भी विभिन्न नगरों से,
तो पूरी कहानी तुमको वहीं पहुँकर बताने की सोची।
🐾🎀✍️
पर सहसा, कहीं से आपकी हालात का पता लगा!
जो दिक्कतें घिरी थीं चहुंओर आपके और मैं जगा!
🎀🐾✍️
स्वागत में हमारी इतनी खर्च क्यों कराने की सोची?
आखिर दिनों पश्चात क्यों हमें घर बुलाने की सोची?
✍️🐾🎀
इतनी दिक्कत थी तो मशक्कत फिर क्यों की!
इस्तकबाल में तो मुस्त-ए-गुबार ही काफी था।
🎀🐾✍️
रंग गुलाल भी नहीं थी कोई जरूरी, मुन्तज़िर!
तुमसे लिया पुराना उधार ही बेशुमार बाकी था।
🎀🐾✍️
दिनों से व्याकुल हम भी थे जानने जो साफ हो गए।
जो घर पहुँचकर तुम्हारे, हम बिल्कुल बेदाग हो गए।
🎀✍️🐾
मुझे कतई ख्वाहिश नहीं थी अतिरिक्त चीजों की!
दिल तो बस प्यार देखकर ही 'बाग बाग' हो गया।

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17 MAY 2017 AT 16:20

ये रंगीनियां रातों की यकीनन
सुबह की तसल्ली में तब्दील हो जाएंगी
महफिल-ए-ख़्वाब का इस्तकबाल
जो कैफ़ियत-ए-शबाब से किया जाये



Ye rangeeniyaan raaton kee yakeenan
Subah kee tasallee mein tabdeel ho jaengee
Mehafil-e-khwaab ka istakbaal
Jo kaifiyat-e-shabaab se kiya jaaye

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13 JUL 2019 AT 17:00

तेरे शहर में जब मेरा कदम👣 पड़ेगा,
इक उम्मीद है तेरे तबस्सुम से इस्तकबाल🙏 होगा.

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30 APR 2021 AT 10:59

कोई कह दो उससे , मुझे यूं सताया न जाए,
मैं सो रहा हूं जो, तो मुझे जगाया न जाए!

मेरी चौखट पे, जो आ खड़ी हो वो "तन्हाई",
इस्तकबाल करो फिर, उसे भगाया न जाए!

मेरी कलम से पहली बार लफ्ज़ रूखा निकला
आंखों से है गुजारिश, इसे भिगाया न जाए!

मेरी दीवारों से सारी तस्वीरें गिर ही गई हैं जो,
बाहर फैंको, फिर इन्हें वहां लगाया न जाए!

मेरी छोटी सी हंसी, का फिर जनाजा निकला,
मेरे मालिक इसे होंठों पे कभी उगाया न जाए!

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15 JUL 2020 AT 20:54

Aye Meri "Zindagi" Ki "मुसकिलो".....
Tumhara "इस्तकबाल" Hai Meri "उलझी" Hui Duniya Main......

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10 FEB 2021 AT 12:57

एक हम थे,
कि उनके हर लौट कर आने पर
उनका इस्तकबाल-दर-इस्तकबाल करते रहे.....

एक वो थे,
कि अपने हर बार आने पर
रिश्तों का इस्तेमाल-दर-इस्तेमाल करते रहे...!!!!

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