इश्क़ में दर्द तो होगी ही ए-हयात इस काफ़िर की तुम इबादत जो हो..। तेरे जाने के बाद भी हम ज़िंदा हैं इस लम्हात-ए-ज़ीस्त की वज़ाहत जो हो..। ख़ैर जो भी हो जैसे भी हो इस दीवाने क़ल्ब की तुम ही राहत जो हो....। ❤️❤️❤️
सुनो न... मन्नतों बाद मिले मुझे मेरी वो चाहत हो तुम हर फ़जर जो करूं मैं मेरी वो इबाद़त हो तुम हर मुश्किल में जो करे मेरी हिफाज़त... मेरे लिए रब की वो इनायत हो तुम 💓💓💓
अब तुम्हे पाने की तमन्ना ना रही थी इस दिल में प्यार तेरे से आज भी बेशुमार है ज़रूरी तो नहीं तुझे पाना ही सबकुछ था मेरे लिए सुना था मोहब्बत और इबादत दूर से भी की जाती है
ओ मेरे खुदा मैंने तो तुझसे हर इबादत में खुशियां मांगी थी तूने तो गमों से दोस्ती करा दी तेरी यही चाहत है तो यही सही हम तेरे दिए गमों में भी खुशियां तलाश लेंगे...❣️