इश्क़ और मलाल?
ग़र इश्क़ सच्चा है,
तो मलाल क्या है?
इश्क़ किया वो?
या सच्चा किया वो?
ग़र इश्क़ था ही नहीं,
ग़र इश्क़ सच्चा था ही नहीं,
ग़र इश्क़ पर भरोसा ही नहीं,
तो ही 'मलाल" होगा।
ग़र 'इश्क़' है तो इत्मिनान ही होगा,
कि इश्क़ किया और सच्चा किया।
इश्क़ पर मलाल कैसे हो सकता है?
- साकेत गर्ग 'सागा'
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