Vihaan 10 JUL 2018 AT 22:40 यूँ न गुमान कर अपने तकदीर के इत्तेफ़ाक़ पर, तेरे शहर में एक मकान, कभी हमारा भी होगा। - Abhishar Ganguly 14 MAY 2021 AT 18:13 बातें तो हर किसी से होती हैं हमारी इस जहां मेंलेकिन सबके साथ ये वाला इत्तेफ़ाक़ नहीं होता।1।इत्तेफ़ाक़ भी तो हो ही जाता हैं यूँही कई मर्तबा पर हर किसी के साथ ये एहसास नहीं होता।2।दिल में बस जाते हैं अक्सर कई अनजाने से लोग लेकिन हर कोई हमारे दिल का ख़ास नहीं होता।3।शमां हैं तू ये सच है लेकिन जीना चाहता हूँ साथ तेरे हर बार परवाना जल कर खाक नहीं होता।4।इश्क़ कर के हर बार फ़ना होना जरुरी नहीं होताकभी-कभी इश्क़ कर के आशिक़ खाक नहीं होता।5।इंतज़ार किया है मुदत्तों से बस तुझको पाने कोज़ानिब यूँही कोई इस दिल के पार नहीं होता।6।कमाल के होते हैं तेरे आशिक़ाना नज़्म सभी बिनइश्क़ के किसी के नज़्म का क़ीमती दाम नहीं होता।7।लोग पूछते हैं नाम उस दिलनशीं का उन्हें बताओचर्चा इश्क़ का मशहूर यूँ सर-ए-आम नहीं होता।8।इश्क़ के शहर में हमारा भी थोड़ा-बहुत नाम हैं 'अभि' वरना यूँही हर शायर का यहाँ एहतराम नहीं होता।9। - Kittu Verma 5 AUG 2018 AT 10:10 दोस्ती मुबारक तुम्हें भी अजनबियों वाली..ना कभी मिले, ना देखा पर मुलाकात हररोज की.. - Abhishar Ganguly 31 MAR 2021 AT 14:40 'इत्तेफ़ाक़'इत्तेफ़ाक़ के साथ हर बार कमबख्त 'अभि' ये इत्तेफ़ाक़ होता हैं।जब कभी इत्तेफ़ाक़ होता हैं, 'इत्तेफ़ाक़' से ही इत्तेफ़ाक़ होता हैं। - Sandeep Gupta 7 JUN 2020 AT 9:03 तुम्हें देखकर यक़ीं होता है हर बार.. जैसे मेरे ख़्वाब चुरा कर बनाया गया तुम्हें..! S@nd!P🖤 - Saket Garg 5 FEB 2018 AT 1:28 तुमसे बस यूँ ही नहीं मिला हूँ मैं, ना ही यह कोई इत्तेफ़ाक़ हैकिसी पीर-फ़कीर-औलिया ने मेरी, दुआ क़ुबूल की हैतुमसे जो बँधी है यह डोर इश्क़, चैन-ओ-सुक़ून, आराम कीमेरे मुस्तफ़ा मेरे मालिक मेरे मौला ने मुझ पर मेहर की है- साकेत गर्ग 'सागा' - कमल जोशी 28 APR 2019 AT 20:18 इत्तेफ़ाक नही कोई उनका यूँ सपनों में आना,हम दिल जान झोंकते है उनसे मिलने की दुआ में। - shadab kamaal 7 MAY 2020 AT 14:31 खुद को समन्दर में मिलाकर भुल गयादरिया उसकी आगोश में आकर भुल गया हम समेटे रहें सदियों तक जिसकी यादें वो इक हसीं इत्तेफाक समझ कर भूल गया Shadab kamaal - Komal🌿 9 DEC 2019 AT 18:16 कर इत्तेफाक पे इत्तेफाकजिंदगी क्या कर रही मजाक। जब भी खुशियों की जोहते बाट बाँट देती है जिंदगी दर्द बेहिसाब। - Yogesh Verma 10 MAR 2022 AT 1:15 बिखरा बंजर फुटा टूटा सब जुड़ने लगा जो इत्तेफ़ाक़ान चेहरा तेरा मेरी तरफ मुड़ने लगा आधा छोड़ वो मफ़लर , जाना पड़ा था तुमको वो धागा उलझ मेरी उंगलियों से फिर बुनंने लगा -