QUOTES ON #इतिहास

#इतिहास quotes

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14 OCT 2020 AT 17:12

जहां मेरा अल्हड़ बचपन बीता, दादा-दादी की छत्रछाया थी,
घर के इस कोने कोने में, जंहा मासूम जिंदगानी बसती थी!

घर के ऊपर लहराते वो दो पेड़ पीपल के जैसे रखवाले हो,
चिड़िया, तोता, काग, मोर, गिलहरी से ढेरो हम बतियाते थे!

घर की सबसे ऊंची छत पे गर्मियों की रात सो जाते जब,
चाँद सितारों से रोज मुलाकातें, वो अम्बर आँगन जैसा था!

बाजू घर की वो पड़ोसन, आंखों आंखों में बातें होती थी,
कुछ निशानियां अब रह गई उधारी, जो सहेज के रखती थी!

कंचो का डिब्बा था कुबेर खजाना बड़े जतन से छिपाते थे,
रोज सुबह शाम गिनते कंचे, हार-जीत का हिसाब रखते थे!

मोहल्ले के वो पेड़ नीम का अब ठूंठ बन कर रह गया है,
घर अब हो जाएगा सुन्न सन्नाटा, जो अब तक गुलज़ार था!

बस, कुछ यादें, कुछ अफसोस, कुछ अधूरी ख़्वाहिश होगी,
लेकिन यह जीवन चक्र है, जिसको कुबूल तो करना ही था!
_Mr Kashish

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2 JAN 2022 AT 15:18

हर वक्त बरसती रहती है,
तेरी बादलों से कोई सांठ गांठ है क्या..
कितने उलझे हुए है सवाल तेरे,
तू इतिहास का कोई पाठ है क्या..
न जाने कितने प्रेम कहानियों की गवाह है तू,
तू बनारस का कोई घाट है क्या...

हम दोनों को प्रेम हो गया हो,
मेरे साथ उसकी भी नीदें आबाद है क्या..
कभी संगमरमर का ताजमहल,
तो कभी खजुराहो की मूरत सी,
अजंता की फ्रेस्को पेटिंग्स वाला औरंगाबाद है क्या..
न जाने कितने मिलन की दास्तां की गवाह है तू
मोहब्बत के कुंभवाला इलाहाबाद है क्या..!

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6 SEP 2021 AT 18:26

सुना था के वक्त कभी भी किसके लिए रुकता नही
पर जब इतिहास के पन्ने पलटकर
गौर से देखा तो मालूम हुआ के वक्त के कुछ हिस्से तो
शब्दो की बेड़ियों में वही के वही ठहरे हुए है !!!

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28 APR 2021 AT 15:23

अरे.. रुको.. रुको...

सुनो..
तुम मेरा प्रेम ग्रंथ ना बनना..
तुम मेरा इतिहास बनना..

जानते होगे...
इतिहास खुद को दोहराता है..
और मैं चाहती हूं..
हमारे प्रेम का इतिहास..
खुद को दोहराए...

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27 MAR 2018 AT 0:41

पानी में परछाइयों की तलाश थीं,
समुन्दर में थी खड़ी,फिर भी प्यास थीं।
इतिहास बनाने की होड़ में लगी थीं मै जिसे,
वो तो बस चंद शब्दों की किताब थीं।

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21 NOV 2017 AT 16:50

कल कई और आएंगे, तुम्हारे जख्मों को भरने वाले।
मुझसे बेहतर लिखने वाले, तुमसे बेहतर पढ़ने वाले।

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18 MAY 2021 AT 17:54



संग्रहालय वह इतिहास है।
कुछ रक्त की जुबानी कुछ अधूरी आस है।
मिट्टी में दफन कुछ राज हैं खूबसूरती के आगाज हैं।
संग्रहालय व इतिहास है।
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16 DEC 2020 AT 19:40

नीम के आगे खाट पड़ी है, खाट के नीचे करवा।
प्रयागदास अलबेला सोवै, रामलला कै सरवा।।

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17 JAN 2021 AT 10:23

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15 JUL 2020 AT 18:20

Sochta tha kuch khass likha jae
Tumhare unn sandeshoo ko saaf-saaf likha jae
Kalam ne hath jakdd liya tha hmara,
Wrna hum toh soch chukey the,ki pura itihas likha jae

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