रंग मंच की कटपुतली रंग मंच के कलाकार,
दुनिया खेल तमाशा है, इंसा है परेशा ।।
अजब गजब के खेल तमाशे, तरह- तरह के रंग,
दुनिया रैन बसेरा है, कौन किसी के संग ।।
बड़ा-बड़ा सब कर रहे ,बड़ा न होत कोई,
घमंड़ करे किस बात का जब हाथ ही कुछ न होई।।
सीख न बांटी ज्ञान की, धर्म लिया क्यों बांट,
मंदिर-मंजिद सब करे सुने न कहु बात ।।
मेरा- मेरा क्यों करे, मेरा तो कुछ न होए,
अगले पल क्या होएगा जान सका न कोए ।।
हंसी खुशी के पल यहाँ जो बीते संग साथ,
वो ही सब अपना है बाकी सब बेकार ।।
राहुल गुगलानी✍✍😊🙏
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