QUOTES ON #इंद्रधनुष

#इंद्रधनुष quotes

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25 JUL 2020 AT 8:26

हर रंग से गुजरी है जिंदगी, हर रंग से मैं मुखातिब हुआ,
इंद्रधनुष के सात रंग सा, फिर तेरा प्यार मुनासिब हुआ!

पुर पुर घुमा मैं तुम्हे तलाशने, जिस पृरी में तेरा रहना था,
सात पृरी सी निर्मल निश्छल सा, तेरा प्यार नसीब हुआ!

कभी बलखाती, क्भी इठलाती, क्भी बहती तू आंखों से,
मोक्षदायनी सात नदियों सी, जीवनभर का उद्धार हुआ!

लोक परलोक की बातें बेमानी, हर लोक सी तू लगती है,
सात लोक सी दुनिया जैसी, आत्मलोक सा प्यार हुआ!

मेरी ही तुम ब्रह्मांड हो, तुम ही हो मेरी आधार जगत का,
सात ग्रहों के इर्द गिर्द घूमती सी, मेरा ये घर संसार हुआ!

पत्नी, प्रेयसी, दोस्त, सहचरी, हर वक़्त तुम हाज़िर रही,
सप्त वंदनीय के तुम हो बराबर, आदर का आदर हुआ!

पग पग पर तू साथ है मेरे, जीवनपर्यंत का वचन हुआ, _राज सोनी
सप्तपदी के बंधन में हम दो, जीवन का अंगीकार हुआ!

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8 DEC 2018 AT 13:58

वो आसमाँ बादल को पनाह देकर
धन्य हो गया।
बिछुड़े रंगों का आज संगम हो गया।



// इंद्रधनुष //

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19 APR 2023 AT 20:50

चांद सितारों ने आ करके बात सुनाई है क्या क्या।
काली बदली और सावन ने हवा चलाई है क्या क्या।
सात रंग का इंद्रधनुष ले नभ पर आकर कौन खड़ा,
इस मौसम ने देखो तो अफवाह उड़ाई है क्या क्या।

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26 JAN 2020 AT 16:52

🌹तुम्हारे लिए 🌹

तेरी मुस्कराहट को ही ओढ़ लेते हैं लवों पे
तेरी हँसी को हम पीते हैं ,
कुछ इस तरह जिंदगी जुड़ गई है तुझसे
कि तेरे जीने में ही हम जीते हैं ..🌷🌷

उदास होता है गर तु तो
वीरान सी हो जाती हैं आँखें हमारी ,
मिलती है हमे भी राहते -जिंदगी
जब आँखों में तेरी इंद्रधनुष से खिलते हैं ..🌷🌷

भूल गए हैं अपनी खुशियों का पता
तेरी खुशियाँ ही हैं मंजिल हमारी ,
सुकून मिल जाता है मेरी धड़कनों को भी
जब तेरी धड़कनों को हम गिनते हैं ..🌷🌷

कुछ ख्बाब अधूरे रह गए हमारे तो क्या
तेरे ख्बाबों को सजा रखा है पलकों ने हमारी ,
तुझसे ही है हर आरजू जिंदगी की
तुम्हारे लिए ही जीते हैं ,मरते हैं ....निशि 🌷🌷




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3 OCT 2020 AT 23:01

मेरे पलट कर जाने पर,
वो तेरा हाथ पकड़ के रोक लेना...
ज्यूं रूठ कर जाती बारिशों का,
सिरा थाम लिया हो इंद्रधनुष ने!

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21 APR 2017 AT 12:43

पानी की बूंदों से गुज़रने पर पता चला
किरणें भी कितने ही रंग बदल लेती हैं

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4 JUL 2020 AT 15:21

मिटा दिये मैंने,
ज़िंदगी के सारे इंद्रधनुष।
दुनिया ने इन रंगों का
सीमित कर दिया है दायरा।

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8 DEC 2018 AT 15:33

आज अम्बर सजा है
भास्कर भी दमका है
दिवा में बरसाते
मेघों की घटाओं में
प्रकृति की ऐसी
अनोखी माया देख
इंद्रधनुष की चाह लिए
सारा जगत खिल उठा है

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15 JUL 2021 AT 23:54

विस्तीर्ण आकाश और
उज्जवल प्रकाश को भी
जब अदृश्य कर देते हैं
प्रचंड तड़ित युक्त
अंधकारमय सघन धराधर

तब आसमां करता है
एक संघर्ष
स्वयं को पुनः
उजागर करने का
मथकर धराधरों को
छिटका देता है धरा पर
मिलता है उसे अपना
श्वेतरत्न सा रूप
जिसपर दमकते हैं
उसके सारे रंग
इंद्रधनुषी होकर

निष्कर्षत:
रंगों की विद्यमानता
सर्वत्र है
परंतु इनका
सम्मिलित रूप में होना
हमारे संघर्षों पर निर्भर है

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8 SEP 2018 AT 1:41

जो होंठ मिलें तो यूँ निकले इंद्रधनुष
कुछ ऐसी मुझ संग वारदात कर लो।

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