जो तुम्हारी भावनाएं नहीं समझ पाए वो तुम्हारी आहें क्या समझेंगे जो सिर्फ अपने दुनिया में मशगूल है वो तेरे दिल की गहराई कैसे नापेंगे तू लाख चाहत रखले उसकी परछाई बनने की पर उम्मीद मत रखना की कभी वो तेरा मन भांप लेंगे
ना आते तुम करीब, ना देते दर्द मोहब्बत का ना रहते चुप तेरे सामने,ना लफ्जों में लिखते हाल ए दिल ना दर्द मुकम्मल होता, ना हम आहें भरते ना मशहूर होते चाहत में, ना हम शायर बनते ।