आंसु !
निशब्द है ,
या ह्रदय को चिरती आवाज ....
हंसी में कितनी सच्चाई !
या जिंदगी को जीने की ,
एक झूठी आस.....
आंसुओं में ताकत छुपी है ,
या जिंदगी की हार ....
हंसी,खुशी को बताने का जरिया ,
या ग़म को छुपाने की उम्मीद ....
ये दोनों शब्द पर्यायवाची है ,
या फिर विरुद्दारथी ....
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